देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से हैरान कर देने वाली खबर सामने आए है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां एक प्रोफेसर ने मुस्लिम होने के कारण उसे परेशान किए जाने की शिकायत की है। प्रोफेसर की शिकायत के बाद दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) ने जेएनयू को शुक्रवार को एक नोटिस जारी कर जवाबी मांगा है।

जेएनयू का आरोपों से इनकार: इस मामले के सामने आने के बाद जेएनयू प्राधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार किया है। डीएमसी ने कहा कि जेएनयू में एक प्रोफेसर ने जेएनयू प्रशासन, विशेषकर ‘सामाजिक बहिष्कार और समावेशी नीति अध्ययन केंद्र’ के निदेशक द्वारा ‘‘क्रमबद्ध तरीके से उत्पीड़न’’की शिकायत की है। इसे लेकर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को नोटिस और अंतरिम आदेश जारी किए गए हैं।

डीएमसी का बयान: दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने कहा कि प्रोफेसर ने आरोप लगाया है कि यह जेएनयू के कुलपति की सहमति से हो रहा है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उसके मुसलमान होने के कारण उसे परेशान किया जा रहा है ताकि अंतत: उसे संस्थान से ‘‘बाहर निकाला जा सके।’’ बता दें कि देश में जहां एक ओर इस तरह के मुद्दों पर जोरदार बहस छिड़ी हुई है, वहीं ऐसे समय जेएनयू जैसे संस्थान से इस तरह की खबर आने से लोगों को निराशा और हैरानी हुई है।

गौरतलब है कि हाल ही में मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा था कि जेएनयू शोध के मामले में दुनिया का शीर्ष संस्थान है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोगों ने इसे बदनाम भी किया है। निशंक के मुताबिक हम उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे और जेएनयू को राष्ट्र की मुख्य धारा से दूर नहीं होने देंगे।