देश के कई राज्य भीषण सूखे और जल संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में बारिश के पानी के संचयन पर भी जोर दिया जा रहा है। इसी जिम्मेदारी को निभाते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने फेज-3 की मेट्रो परियोजनाओं में जल संरक्षण का ख्याल रखा है। इसके तहत तीसरे चरण के सभी एलिवेटेड मेट्रो स्टेशनों पर वर्षा जल संचयन की व्यवस्था होगी। इस चरण में 136 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइनों का निर्माण होगा। इसका 83 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड है।

हालांकि इससे पहले की मेट्रो परियोजनाओं में भी वर्षा जल संचयन की व्यवस्था की गई थी जिसमें कुल 64 मेट्रो स्टेशन शामिल हैं। साथ ही मेट्रो पुलों और खंभों में भी पाइप के जरिए पिट में ले जाकर भूजल रिचार्ज किया जाता है, ताकि बरसात में मेट्रो ट्रैक का पानी बहकर नाले में न जाए। वहीं फेज-3 में शिव विहार-मजलिस पार्क और जनकपुरी पश्चिमी-बॉटेनिकल गार्डन सबसे बड़ी लाइन है। इस चरण में कुल 90 मेट्रो स्टेशन बन रहे हैं, जिसमें से 56 स्टेशन एलिवेटेड हैं।

डीएमआरसी के अधिकारियों ने बताया कि लाइन-1 में कुल तीन मेट्रो स्टेशनों दिलशाद गार्डन, झिलमिल व मानसरोवर पार्क, लाइन-2 में सुल्तानपुर, घिटोरनी, अरजनगढ़, गुरु द्रोणाचार्य, एमजी रोड सहित कुल 14 मेट्रो स्टेशन, लाइन-3 में प्रगति मैदान, शादीपुर, कीर्तिनगर, मोतीनगर, राजौरी गार्डन सहित कुल 22 स्टेशन, लाइन-4 में केवल एक स्टेशन वैशाली, लाइन-5 में अशोक पार्कमैन, शिवाजी पार्कव नांगलोई सहित कुल 12 स्टेशन और लाइन-6 में मूलचंद, कैलाश कालोनी व नेहरू प्लेस सहित कुल 12 स्टेशनों पर वर्षा जल संचयन की व्यवस्था है।

दिलशाद गार्डन से मानसरोवर पार्क के बीच खंभों व पुलों के बीच दो किलोमीटर तक, पुलबंगश से रिठाला के बीच करीब 12 किलोमीटर, जनकपुरी पश्चिमी से उत्तम नगर पश्चिमी के बीच करीब 2.3 किलोमीटर और सबसे लंबा वर्षा जल संचयन का दायरा न्यू अशोक नगर से नोएडा सिटी सेंटर के बीच पुलों और खंभों में 7.1 किलोमीटर तक है।