इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन और उनकी खुफिया एजेंसियों से प्रेरित होकर दिल्ली के 37 साल के एक रियल एस्टेट कारोबारी ने अपनी पत्नी और ससुराल वालों को मारने के लिए थैलियम का इस्तेमाल किया। इस बात की जानकार दिल्ली पुलिस ने दी है। सद्दाम इसका इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को मारने के लिए किया करते थे।
मंगलवार रात पुलिस ने ग्रेटर कैलाश निवासी वरुण अरोड़ा को सास की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया। उनकी पत्नी फरवरी से कोमा में हैं, और उनकी भाभी की मौत उसी समय के आसपास हो गई थी। यह घटना 21 मार्च को सामने आई जब होमियोपैथी दवाओं के निर्माता, 62 वर्षीय देवेंद्र मोहन शर्मा ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी अनीता शर्मा की गंगाराम अस्पताल में मृत्यु हो गई है और उन्हें अपने दामाद वरुण अरोड़ा पर शक है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वरुण अरोरा पर आरोप है कि जनवरी में उन्होने अपने परिवार के लिए खाने में मछ्ली बनाई थी। जिसमें अरोड़ा ने थैलियम मिला दिया था। वह खाना उसने अपने परिवार के सदस्यों को खिलाया लेकिन खुद और अपने जुड़वा बच्चों को नहीं दिया।
पुलिस अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में अपने वरिष्ठों के साथ इस विषय पर चर्चा की, जिसके बाद उन्होंने शर्मा के मेडिकल परीक्षण की व्यवस्था की। एक अधिकारी ने कहा “जांचकर्ताओं को तब झटका लगा जब उन्हें उनके खून में थैलियम का स्तर बढ़ा हुआ मिला। उसके बाद शर्मा की पत्नी अनीता शर्मा के शव का पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक जांच कराई गई।
सूत्रों ने कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञों ने जांचकर्ताओं को सूचित किया कि अनीता में भी थैलियम का स्तर बढ़ा हुआ है। पुलिस ने इसके बाद इंदर पुरी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस ने शर्मा की बड़ी बेटी और अरोड़ा की पत्नी (जो कोमा में है) का भी मेडिकल परीक्षण कराया और उसके मामले में भी थैलियम का स्तर अधिक था।
एक पुलिस सूत्र ने कहा कि जब अरोड़ा को पूछताछ के लिए बुलाया गया तो उसने कुछ भी कबूल नहीं किया। जिसके बाद मंगलवार शाम को पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा और उसका लैपटॉप बरामद किया। डिवाइस को स्कैन करने पर, पुलिस को पता चला कि उसने थैलियम से संबंधित जानकारी सर्च की है। उसकी ब्राउज़िंग हिस्ट्री में थैलियम संबंधित वेब पेज और सद्दाम हुसैन कैसे अपने विरोधियों के खिलाफ इसका इस्तेमाल करते थे इससे संबन्धित जानकारी मिली।
एक अधिकारी ने बताया “हमें यह भी पता चला कि अरोड़ा ने एक ऑनलाइन फार्मासिस्ट के माध्यम से थैलियम ऑर्डर किया था, उन्होने फार्मासिस्ट से दावा किया था कि वे अपने ससुर के लिए कोरोना वायरस की होम्योपैथी दवा बना रहे हैं। हमने उस व्यक्ति को ट्रैक किया जिसने पैकेज दिया था और उसने अरोड़ा की पहचान की।”
कथित जहर देने के मकसद पर, पुलिस ने कहा कि जब अरोड़ा से दूसरी बार पूछताछ की, तो उसने कहा कि वह अपनी पत्नी और ससुराल वालों से लगभग छह साल पहले हुई एक घटना का बदला लेना चाहता था। पुलिस ने कहा कि अरोड़ा के पिता की 6 साल पहले मृत्यु हो गई थी और उसके बाद उनकी पत्नी गर्भवती हो गई थी।
पुलिस ने कहा “वरुण अरोड़ा का मानना था कि यह बच्चा उनके पिता का पुनर्जन्म है, लेकिन कुछ परेशानियों के चलते डॉक्टर की सलाह पर गर्भपात कराना पड़ा। अरोड़ा गर्भपात के खिलाफ थे, लेकिन उनकी पत्नी और उनके परिवार के सदस्य ने उनकी नहीं सुनी और गर्भपात करा दिया। अरोड़ा और उनकी पत्नी को बाद में आईवीएफ के माध्यम से दो बच्चे हुए, इसको लेकर उसके परिवार के सदस्यों ने उन्हें ताना मारा। जिसके बाद अरोरा ने बदला लेने का फैसला किया।”
