राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने पानी और सीवर शुल्क में संयुक्त रूप से 20 फीसदी बढ़ोत्तरी को मंगलवार को मंजूरी दे दी। 20 हजार लीटर प्रति महीने से ज्यादा उपभोग पर इस शुल्क में बढ़ोत्तरी को मंजूरी दी गई है। एक अधिकारी ने बताया कि अरविंद केजरीवाल सरकार की सब्सिडी योजना के तहत डीजेबी प्रति महीने 20 हजार लीटर तक के उपभोग पर कोई शुल्क नहीं लगाएगा, जो आम आदमी पार्टी के मुख्य चुनावी वादे में शामिल था। नई दरें फरवरी 2018 से लागू होंगी। वर्ष 2015 में सत्ता में आने के कुछ दिन बाद आप सरकार ने इस श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए शुल्क में दस फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी, जो शीला दीक्षित सरकार द्वारा 2009 में बनाए गए वार्षिक दस फीसदी स्वत: दर बढ़ोत्तरी के मुताबिक था।

बहरहाल, 2016 में सरकार ने स्वत: प्रणाली के खिलाफ फैसला किया और एक और बढ़ोत्तरी पर रोक लगा दी थी। केजरीवाल द्वारा इस मंत्रालय का प्रभार संभालने के तीन महीने बाद यह बढ़ोत्तरी की गई है। कपिल मिश्रा को जल मंत्री के पद से हटाए जाने के बाद केजरीवाल खुद इस मंत्रालय को देख रहे हैं। डीजेबी के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया ने बताया कि 20 हजार लीटर प्रति महीने की सीमा पार करने वाले उपभोक्ताओं के लिए इसमें प्रभावी बढ़ोत्तरी 28 रुपए प्रति महीने की होगी। वह संगम विहार से आप विधायक हैं।

दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेन्दर शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली में 20 हजार लीटर प्रति महीने पानी का उपयोग करने वाले घरों के लिए लगातार तीसरे वर्ष भी शुल्क में कोई बदलाव नहीं। दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में 20 हजार लीटर प्रति महीने से ज्यादा उपभोग करने वालों के लिए संयुक्त रूप से पानी और सीवर शुल्क में 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है।’’

डीजेबी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 20 हजार लीटर पानी नि:शुल्क मुहैया करा रहा है। 20 हजार लीटर से 30 हजार लीटर प्रति महीने पानी का उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सेवा शुल्क 219.62 रुपए और वॉल्यूमेट्रिक शुल्क प्रति एक हजार लीटर पर 21.97 रुपए है। जो उपभोक्ता 30 हजार लीटर प्रति महीने से ज्यादा पानी की खपत करते हैं, वे प्रति महीने सेवा शुल्क 292.82 रुपए और वॉल्यूमेट्रिक शुल्क 36.61 रुपए प्रति एक हजार लीटर का भुगतान करते हैं।