महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार ने सभी टैक्सी ऑपरेटरों को अपने वाहनों पर जीपीएस लगाने के आदेश दिए हैं और ऐसा नहीं करने पर उन्हें फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किए जाएंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दिल्ली सरकार का यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में चलने वाली रेडियो टैक्सियों और श्वेत-पीत टैक्सियों समेत सभी तरह की टैक्सियों पर लागू होगा।
सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि जब तक टैक्सी ऑपरेटर अपने वाहनों पर जीपीएस लगवा नहीं लेते उन्हें फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाएगा।
दिसंबर में अमेरिका आधारित टैक्सी सेवा उबर के एक ड्राइवर ने एम 25 साल की महिला का कथित रूप से बलात्कार किया था। उस टैक्सी पर जीपीएस नहीं लगा था। सरकार का यह कदम इस घटना के बाद आया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘जीपीएस ना सिर्फ टैक्सियों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी बल्कि किसी अप्रिय घटना में पुलिस की भी मदद करेगी।’’
दिल्ली में श्वेत-पीत टैक्सियां, दिल्ली-एनसीआर टैक्सियां समेत 15000 से ज्यादा टैक्सियां हैं। इस बीच, दिल्ली टैक्सीज यूनियन ने कहा है कि अगर सरकार अपना फैसला तुरंत वापस नहीं लेती तो वह विरोध प्रदर्शन करेंगे।
यूनियन के महासचिव राजेन्द्र सोनी ने कहा, ‘‘जीपीएस महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने का एकमात्र समाधान नहीं है, सरकार को तत्काल अपना फैसला वापस लेना चाहिए। नहीं तो हम सड़कों पर उतरेंगे और इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।’’