हर अस्पताल में लोग अपना दर्द लेकर ही आते हैं। डॉक्टर भी मरीजों दर्द दूर करने के लिए जांच और फिर दवाएं लिख देते हैं। अगर इससे फायद न हुआ तो भर्ती भी कर लेते हैं। जो ज्यादातर लोगों के लिए ‘दर्द’ से कम नहीं। सभी अस्पताल में ऐसा ही माहौल रहता है। लेकिन दिल्ली के एक अस्पताल का नजारा गुरुवार को ऐसा दिखा, जो शायद देश के किसी भी हॉस्पिटल में पहले न दिखा हो। यहां खचाखच मरीजों से भरे अस्पताल में पुराने और नए गानों पर सभी गुनगुनाते और थिरकते दिखे। इन सबके के बीच सबसे आश्चर्य की बात यह थी कि इस दौरान दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री भी मौजूद थे और वह भी सभी का साथ दे रहे थे।

ऐसा बदला नजारा जीटीबी अस्पताल का था। जहां कड़क मिजाज माने जाने वाले स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन की मौजूदगी में गाना बजाया गया। इस दौरान उन्होंने एक नर्स के बच्चे को गोद में उठाकर थिरकने लगे। स्टाफ के लोगों ने डांस किया। इतना ही नहीं वहां के मरीजों ने भी आखिरकार साथ दिया। हालांकि जो महौल गुरुवार दिखा, वह अचानक नहीं था। एक खास मकसद से यह सब किया जा रहा था। थोड़ी ही सही पर मकसद कामयाब होता भी दिखा। मरीज अपना दर्द भूल गाए और थिरके। तनाव तो मानो कुछ देर के लिए पूरे अस्पताल से चला गया हो।

दरअसल, जीटीबी अस्पताल में हैपीनेस थेरेपी की शुरुआत हुई है। यह देश के किसी भी हॉस्पिटल में पहली बार इस थेरेपी को अपनाया गया है। अब यहां रोजाना प्रत्येक वॉर्ड में दो से तीन बार इस थेरेपी के तहत इलाज होगा। मरीजों का यह ‘इलाज’ यहां के स्टाफ के लोग करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बताया कि, उम्मीद है कि दिल्ली के दूसरे अस्पतालों में भी जल्दी ही इस थेरेपी को लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि, न सिर्फ डांस और गाने बल्कि मरीजों के लिए मेडिटेशन, योग भी आयोजित होगा। उन्होंने कहा कि, स्टाफ के लोगों के साथ मरीज भी शामिल हो सकते हैं। इससे न केवल उनका तनाव दूर होगा। बल्कि जल्द ठीक भी होंगे।