दिल्ली में सिविल डिफेंस के दस हजार वॉलंटियर्स को जल्द ही हटाए जाने की तैयारी चल रही है। इनकी नियुक्तियों को लेकर विपक्षी दल लगातार विरोध कर रहे थे। उनका आरोप था कि इनकी नियुक्तियों में खामियां हैं। फिलहाल सिविल डिफेंस के ये वॉलंटियर्स पिछले अप्रैल से बकाया वेतन के लिए आंदोलन कर रहे हैं। सिविल डिफेंस के वॉलंटियर्स दिल्ली सरकार के 40 विभागों में तैनात हैं। शुरुआत में 189 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को हटाया जाएगा। ये वे लोग हैं, जिन्हें राजस्व विभाग में कई जगह तैनात किया गया है।
वेतन रोकने वाले अफसरों के खिलाफ होगी कार्रवाई
सीएम अरविंद केजरीवाल ने सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के वेतन नहीं मिलने पर भी नाराजगी जताई है। उन्होंने उन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है जिनकी वजह से वेतन भुगतान में देरी हो रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये वालंटियर्स बेहद गरीब परिवार से आते हैं और मजबूरी में अस्थायी नौकरी करते हैं। ऐसे में इनके वेतन रोकने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इनकी सही कानूनी स्थिति का पता लगाया जा रहा है।
अधिकतर वॉलंटियर्स डीटीसी के बसों पर मार्शल के रूप में तैनात
इनकी नियुक्ति में जिन मुद्दों को लेकर विवाद है उनमें मुख्य इनसे इनकी योग्यता से अलग काम लिया जाना है। इसके अलावा कई जगह उनकी ड्यूटी राजस्व विभाग में लगा दी गई है। कुछ वॉलंटियर्स सब रजिस्ट्रार ऑफस, डीटीसी बसों में मार्शल के रूप में तो कुछ अन्य वॉलंटियर्स को दिल्ली सरकार के अभियान ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ जैसे में लगा दिया गया हैं। 10 हजार 700 में से साढ़े आठ हजार सीडीवी को ट्रांसपोर्ट विभाग के जरिए बसों में मार्शल के रूप में तैनात किया गया था।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अब जो भी वॉलंटियर्स रखे जाएंगे, वे नियमानुसार परीक्षा के माध्यम से चुने जाएंगे। सिविल डिफेंस के वॉलंटियर्स का मुख्य काम जरूरी सेवाओं में नियमित स्टाफ का सपोर्ट करना है। इसके बावजूद उन्हें कई ऐसे कामों में लगा दिया गया है, जिसके लिए न तो वह अधिकृत हैं और न ही वह प्रशिक्षित हैं।
