विद्युत वितरण कंपनियों बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना के संविदा कर्मचारी अपनी प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल फिलहाल टालने पर शुक्रवार को राजी हो गए, क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट ने इन दोनों कंपनियों से कर्मचारियों की बात सुनने को कहा है। न्यायमूर्ति संजय सचदेवा ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में यदि बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई तो हर चीज थम जाएगी। उन्होंने संविदा कर्मचारियों से 22 अगस्त से प्रस्तावित अपनी हड़ताल तब तक टालने को कहा जबतक सरकार एस्मा लगाने या नहीं लगाने पर फैसला करती है। अदालत ने कहा कि चूंकि 20 अगस्त और 21 अगस्त को छुट्टी है और आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम लगाया जाए या नहीं, इस पर उपराज्यपाल द्वारा निर्णय लेने में वक्त लगेगा।
न्यायमूर्ति सचदेवा ने कहा कि हड़ताल टालने से अदालत को भी विद्युत कंपनी की इस अर्जी पर फैसला करने के लिए कुछ वक्त मिल जाएगा कि वह सरकार को एस्मा लगाने का निर्देश दे। अदालत ने कहा, ‘क्या आप पूरी जनता को जोखिम में डालना चाहते हैं? अस्पताल, हवाई अड्डा, स्कूल को बिजली नहीं मिलेगी। हर चीज थम जाएगी।’’ उसने कहा, ‘आप हफ्ते भर या दस दिन बाद हड़ताल पर जा सकते हैं। 22 अगस्त को ही ऐसी क्या बात है’? इस पर संविदा कर्मचारियों के वकील ने अदालत से कहा कि यदि विद्युत वितरण कंपनियां उन्हें वार्ता के लिए बुलाती है तो हड़ताल टाल दी जाएगी। बीएसईएस राजधानी और यमुना इस पर मान गर्इं। अदालत ने वार्ता के लिए 22 अगस्त की तारीख तय की और अगली सुनवाई की तारीख 14 सितंबर तय की।