दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद अब डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने योगी सरकार के मंत्रियों की बहस की चुनौती स्वीकार कर ली है। दरअसल, केजरीवाल के ऐलान के बाद यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने दिल्ली सरकार के मंत्री को चैलेंज किया था कि वे यूपी आएं और दोनों राज्यों की शिक्षा और स्कूलों की व्यवस्था पर बहस करें।
इस पर मनीष सिसोदिया ने कहा, “जब सीएम ने कहा कि हम 2022 का यूपी चुनाव लड़ेंगे, यूपी सरकार के कई मंत्रियों ने हमें दिल्ली के स्कूलों के मॉडल बनाम यूपी स्कूलों के मॉडल पर बहस के लिए चुनौती दी। सिसोदिया ने कहा कि मुझे चुनौती स्वीकार है। मैं 22 दिसंबर को लखनऊ आऊंगा। मुझे बताएं कि बहस के लिए कौन होगा।
सिसोदिया ने आगे कहा, “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, टीचरों की आजादी और अन्य चीजों से स्कूल बेहतर होते हैं। दिल्ली सरकार पहली और एकमात्र सरकार है जो बजट का 25 फीसदी अपने स्कूलों पर खर्च करती है। उत्तर प्रदेश के स्कूल बुरी हालत में हैं। मैं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से अपील करता हूं कि वे राज्य के स्कूलों की स्थिति सुधारें। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो लोग आम आदमी पार्टी को सत्ता सौंप देंगे और हम राज्य के एजुकेशन सेक्टर की स्थित बदल देंगे।”
केजरीवाल भी उठा चुके हैं यूपी की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल?: अभी यूपी सरकार की ओर से सिसोदिया की चुनौती पर जवाब दिया जाना बाकी है। इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2022 के यूपी चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश में कई दलों की सरकार आई और सबने अपना घर भरने का काम किया। इस बीच, उत्तर प्रदेश से कई लोग आए जिन्होंने कहा कि AAP को प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि यूपी के लोगों को हर काम के लिए दिल्ली क्यों आना पड़ता है? कानपुर के बच्चों को अच्छे कॉलेज के लिए दिल्ली क्यों आना पड़ता है? भारत का सबसे बड़ा राज्य सबसे बड़ा विकसित प्रदेश क्यों नहीं बन सका?