देश की राजधानी नई दिल्ली से बड़ी खबर है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को आवंटित सिविल लाइंस के 6, फ्लैगस्टाफ रोड पर लोक निर्माण विभाग ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सील लगा दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री आवास पर दो बड़े ताले लगाए गए हैं। आम आदमी पार्टी ने भी दावा करते हुए इस बात की पुष्टि की है कि मुख्यमंत्री आतिशी के सरकारी आवास में रखे सामान का बाहर निकलवा दिया है।
उधर, दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग की इस कार्रवाई पर दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि शीशमहल पर अवैध कब्जे पर कार्रवाई की गई है। हमारी मांग को पूरा किया गया है और शीशमहल के सील होने पर हम दिल्लीवासियों को गर्व है।
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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले हफ्ते तक इसी आवास में रह रहे थे। उन्होंने इस्तीफा देने के तीन हफ्ते बाद यह बंगला खाली किया था। PWD अधिकारियों के अनुसार, इस बंगले की चाबी आतिशी के पास थी लेकिन उन्हें इसका आधिकारिक अलॉटमेंट लेटर नहीं दिया गया था। आपको बता दें कि दिल्ली में मुख्यमंत्री के लिए कोई निश्चित आधिकारिक आवास नहीं है। साल 2015 से अरविंद केजरीवाल इस घर में रह रहे हैं। इसमें साल 2020-21 में दोबारा से काम गया था, जिसके बाद इसपर खर्च हुई राशि को लेकर विवाद हुआ था।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने क्या कहा?
इस मसले पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “… अरविंद केजरीवाल का ‘शीश महल’ आखिरकार सील हो ही गया… उस बंगले में कौन से रहस्य छिपे हैं कि संबंधित विभाग को चाबी सौंपे बिना आप फिर से बंगले में घुसने की कोशिश कर रहे थे? आपने दो छोटे ट्रकों में अपना सामान ले जाकर अच्छा ड्रामा किया। सबको पता है कि बंगला अभी भी आपके कब्जे में है। जिस तरह से आपने आतिशी को बंगला सौंपने की कोशिश की, वह असंवैधानिक था। आतिशी को पहले से ही बंगला आवंटित है, फिर वह आपका बंगला कैसे ले सकती हैं? उस बंगले में बहुत सारे रहस्य छिपे हैं…”
AAP ने क्या कहा?
AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, “दिल्ली के LG को समझना होगा कि मुख्यमंत्री आवास में रहने के लिए न्यूनतम बुनियादी जरूरत दिल्ली में चुनाव जीतना है। बीजेपी 27 साल से दिल्ली में जीत नहीं पाई है और वे चुनी हुई AAP सरकार की शक्तियों को छीनने, चुनी हुई सरकार के काम को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं और अब वे सीएम आवास छीनकर किसी बीजेपी नेता को देना चाहते हैं। आज बीजेपी की महिला विरोधी मानसिकता एक बार फिर सबके सामने है। उन्होंने नवरात्रि के दौरान एक महिला मुख्यमंत्री का सामान बाहर फेंक दिया…बीजेपी ने हमेशा झूठ का सहारा लिया है। 4 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री ने विधिवत रूप से पीडब्ल्यूडी के अनुभाग अधिकारी को चाबी सौंपी। पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया…”
