दिल्ली विधानसभा में टीपू सुल्तान की तस्वीर लगाने को लेकर भाजपा के विरोध के बीच विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने बुधवार को कहा कि इसे ‘किसी कीमत पर’ नहीं हटाया जाएगा और उन्होंने भाजपा पर विवाद पैदा करने का आरोप लगाया। गोयल ने यहां एक आधिकारिक बैठक के दौरान कहा, “किसी कीमत पर तस्वीर को नहीं हटाया जाएगा। भाजपा हमेशा विवाद पैदा करती है।”

शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 70 हस्तियों की तस्वीरों का अनावरण किया था, जिन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान और राष्ट्र निर्माण में एक अहम भूमिका निभाई थी। इन राष्ट्रीय नायकों में स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, अशफाकउल्ला खान, बिरसा मुंडा, रानी चेन्नम्मा और सुभाष चंद्र बोस शामिल हैं। यह तस्वीरें ढाई फीट लंबी और डेढ़ फीट चौड़ी हैं, जिसमें शख्सयित और देश में उनके योगदान के बारे में संक्षेप में लिखा हुआ है। इन्हें विधानसभा के गलियारों में लगाया जाएगा।

भारतीय जनता पार्टी के विधायक मंजिंदर सिंह सिरसा ने विधानसभा परिसर में टीपू सुल्तान की तस्वीर पर सवाल उठाया और अध्यक्ष से इसे हटाने का आग्रह किया। विधायक ने आरोप लगाया कि टीपू सुल्ताने एक क्रूर शासक था जिसने चार लाख हिंदुओं और इसाईयों को धर्म बदलने के लिए मजबूर किया था।

वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के विधायक मनजिन्दर सिंह सिरसा ने भी केजरीवाल सरकार के इस फैसले का विरोध किया है और कहा है कि टीपू सुल्तान एक तानाशाह था, जिसने अपनी मर्जी अनुसार जबरन लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया। सिरसा ने एक बयान में कहा कि टीपू सुल्तान ने खुद यह बात मानी थी कि उसने 400 हजार हिंदुओं को जबरन मुस्लिम बनाया है। उन्होंने कहा कि ऐसे सांप्रदायिक व्यक्ति की तस्वीर विधानसभा में लगाने का ‘आप’ सरकार का फैसला बिल्कुल ही तर्कहीन है। सिरसा ने विधानसभा अध्यक्ष से अपील की कि वह ऐसी तस्वीर तुरंत हटाए जाने का हुक्म दें, नहीं तो वह खुद इसको हटाने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी अपील की कि वह लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना बंद करें।