देहरादून के एक बोर्डिंग स्कूल में 12 साल के बच्चे की मौत के बाद सिलसिलेवार चौंकाने वाली बातें सामने आ रही है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग (SCPCR) की अध्यक्ष उषा नेगी ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि एक 2012 में स्कूल के एक अधिकारी ने सातवीं कक्षा की छात्रा के साथ रेप किया था, इस मामले को भी स्कूल प्रबंधन ने रफा-दफा कर दिया था। वहीं पिछले महीने हुए 12 साल के लड़के की मौत पर नेगी ने सीबीआई जांच करवाने की मांग भी की है।
स्कूल पर दो नए आरोपः मामला देहरादून के विकास नगर स्थित बोर्डिंग स्कूल का है। नेगी के अनुसार 2012 में एक स्कूल अधिकारी ने एक लड़की के साथ रेप किया था लेकिन मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अध्यक्ष नेगी ने बार एसोसिएशन डोईवाला की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि साल 2006 में स्कूल के मैनेजर ने दो अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर एक लड़की के साथ स्कूल में रेप किया था पर आरोपियों पर बाल तक बांका नहीं हुआ। वहीं इसी स्कूल के 2017 में टिहरी-गढ़वाल जिले के नरेंद्र नगर में एक स्कूली यात्रा में एक लड़के के लापता होने की भी खबर आई थी।
असल दोषी को छुपाने का आरोपः नेगी ने स्कूल आयोग को घेरते हुए उन पर असल दोषी को छुपाने का भी आरोप लगाया है। उनके अनुसार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को नवंबर 2016 में दिए गए शपथ पत्र में स्कूल मैनेजर का नाम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए आरोपी स्कूल मैनेजर से अलग है। इस तरह के स्कूल मैनेजरों के नामों की गड़बड़ पर भी उन्होंने सवाल उठाया है। उन्होंने स्कूल पर यह आरोप भी लगाया कि वे आश्रम में जाकर बच्चों को उनके स्कूल भेजने के लिए विनती करते हैं और उन्हें निशुल्क शिक्षा देने की बात कहकर बाद में पैसे भी मांगते हैं।