जसवंतनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम नगलाहरिशचन्द्र में एक विवाहिता दहेज की भेंट चढ़ गई। मृतिका के पिता ने ससुरालजनों पर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है कि अतिरिक्त दहेज न मिलने पर उसकी लड़की की मारपीटीई कर उसकी उसकी हत्या कर दी। इस मामले में मृतका के पिता की तहरीर पर मृतिका के सास, सुसर, व पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है पुलिस सूत्रों के अनुसार करन सिंह पुत्र सियाराम निवासी ग्राम ईकरी थाना ओछा जिला मैनपुरी ने बताया कि उसकी पुत्री स्नेहलता का विवाह ग्राम नगला हरिशचन्द्र निवासी राम सजन शाक्य के पुत्र दर्शन सिंह के साथ 23 अप्रैल 2014 को संपन्न हुआ था। शादी के कुछ समय बाद से ही बेटी की मारापीटीई करते थे और अतिरिक्त दहेज की मांग करते हुए टीबी फ्रीज, तथा एक लाख रुपए नकद की मांग करते रहे। गुरुवार की रात उसके पास ससुरालजनों का फोन आया कि तुम्हारी लडकी स्नेहलता बीमार है। वह अस्पताल दिखाने जा रहे हैं। तुम जल्दी आ जाओ उसके कुछ ही समय बाद दोबारा फोन आया तुम्हारी लड़की की मौत हो गई है।
इस घटना की जानकारी मृतिका के पिता करन सिंह ने अपने ग्राम वासियों को दी। वह शुक्रवार की सुबह ग्राम हरिशचन्द्र पहुंचे और देखा की उसकी पुत्री स्नेहलता जमीन पर मृत पड़ी हुई है। सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक जीबाराम घटनास्थल पर पहुंचे और घटना की विस्तृत जानकारी ली। घुमाने के लिए न ले जाने से खफा मासूम ने पिता के खिलाफ पुलिस के पास शिकायत करने पहुंचा: बापू, सेहत के लिए तू तो हानिकारक है। दंगल फिल्म का यह गीत मनोरंजन तक तो ठीक है लेकिन समाज में जब कोई बच्चा मामूली सी बात पर नाराज होकर अपने पिता के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराने कोतवाली पहुंच जाए तो इसे सामान्य नहीं माना जा सकता ।
इटावा महोत्सव में न ले जाने से नाराज 11 वर्ष के बच्चे ने पुलिस से पापा को पीटने की गुहार लगाई। वह पिता को सबक सिखाना चाहता था। इटावा नगर के करौल मोहल्ला में रहने वाले व्यवसायी अमरनाथ गुप्ता के दो बेटों में ओम नारायन पांचवीं कक्षा का छात्र है। इन दिनों नगर में नुमाइश (इटावा महोत्सव) लगी हुई है। ओम नारायन के घर के पास रहने वाले उसके दोस्त माधव, सलोनी व तनु नुमाइश देखने जा रहे थे तो उसने भी पिता से ले जाने को कहा। पिता के मना करने पर वह घर से करीब तीन सौ मीटर की दूरी पर स्थित कोतवाली पहुंच गया। इटावा कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि पिता से नाराज होकर बच्चे के कोतवाली आने से स्थिति असहज थी। उससे पूछताछ की गई तो उसने नाराजगी की वजह बताई। पूछताछ के बाद उसकी भावनाओं का सम्मान और फरमाइश का ख्याल रखने का भरोसा देकर घर भेजा गया। बाद में एसएसआइ राकेश कुमार ने घर जाकर अभिभावकों को समझाया कि बच्चों से संवाद करने के साथ उनको पर्याप्त समय दें।