Cyclone Fani :ओडिशा में आए चक्रवाती तूफान के बाद अब भी जनजीवन पूरी तरह से पटरी पर नहीं आया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की महानिदेशक ऊषा शर्मा ने फानी तूफान के बाद पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क मंदिर की स्थिति पर अपना बयान जारी किया। उन्होंने कहा, ‘जगन्नाथ मंदिर के अंदर बहुत नुकसान हुआ है। कई जगह पर टूट-फूट हुई है, प्लास्टर उखड़ गया है। हमने इसके लिए एक टीम बनाई है। मैं आपको विश्वास दिलाती हूं कि हम जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा से पहले उन सभी कामों को निपटा लेंगे जो जरूरी है।’

कोणार्क मंदिर की स्थिति पर दी जानकारीः उन्होंने कहा, ‘चक्रवाती तूफान फानी की वजह से कोणार्क मंदिर के बगीचों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। यहां लगभग 210 बेहद पुराने पेड़ अपनी शाखा से अलग हो गए। हमने अपने बागवानों और अधिकारियों को इसके बारे में सूचित कर दिया है। साथ ही उम्मीद है दो हफ्तों के अंदर स्मारक की मरम्मत कर ली जाएगी।’

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चक्रवाती तूफान फानीः बता दें इसी महीने में आए चक्रवाती तूफान फानी ने ओडिशा में तबाही मचा दी थी। जिस समय फानी तूफान पुरी पहुंचा था उस समय 245 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं। गौरतलब है कि साल 1999 के सुपर साइक्लोन के बाद फानी अब तक का सबसे खतरनाक तूफान माना जा रहा है। हालांकि 1999 में इससे जान-माल की बहुत ज्यादा क्षति हुई थी।

मोदी ने किया एरियल सर्वे, केंद्र ने की मददः बता दें कि फानी तूफान के बाद केंद्र सरकार ने ओडिशा सरकार को 1000 करोड़ रुपए जारी किए थे। इस मदद की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने की थी। गौरतलब है कि तूफान के आने से पहले ही 11 लाख लोगों को प्रभावित इलाकों से हटा दिया गया था, जिससे जान-माल को कम नुकसान हुआ। फानी से निपटने के लिए की गई तैयारियों की यूएन ने भी तारीफ की थी।