आरक्षण और जेल में बंद अपने नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर गुजरात के महेसाणा शहर में आयोजित पटेल समुदाय की विशाल रैली ने रविवार (17 अप्रैल) को हिंसक रूप ले लिया। बाद में कथित तौर पर पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया। पटेल समुदाय के लिए ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे प्रमुख समूहों में से एक सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के आह्वान पर ‘जेल भरो आंदोलन’ के तहत पटेल प्रदर्शनकारी मोढेरा चौराहे पर एकत्र हुए थे।

एसपीजी प्रमुख लालजी पटेल को पुलिस के साथ टकराव के दौरान सिर में चोट लगी। पुलिस ने दावा किया कि उसने लाठीचार्ज का सहारा तब लिया जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों पर पथराव करना शुरू किया जबकि लालजी पटेल ने आरोप लगाया कि पटेल आंदोलनकारियों को बिना किसी उकसावे के निशाना बनाया गया।

पटेल ने कहा, ‘‘हमारा प्रदर्शन पहले की तरह शांतिपूर्ण था। हालांकि, पुलिस ने अचानक मुझपर और हमारे कुछ सदस्यों पर उस वक्त हमला किया जब हम जुलूस के साथ आगे बढ़ रहे थे। आप मेरे चेहरे पर रक्त देख सकते हैं। बिना किसी उकसावे के हमारी पिटाई की गई।’’

बाद में पुलिस ने कुछ अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ पटेल को हिरासत में ले लिया। गुजरात के प्रभारी डीजीपी पी पी पांडेय ने दावा किया कि हालात तब बिगड़ गए जब कुछ लोगों ने हिंसा का सहारा लिया। पांडेय ने कहा, ‘‘पुलिस हमेशा शांति स्थापित करने के लिए कार्य करती है। शुरूआत में प्रदर्शन शांतिपूर्ण था। हालांकि, हालात तब बिगड़ गए जब कुछ लोगों ने हिंसा का सहारा लिया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। मैंने हालात से निपटने के लिए पहले ही अतिरिक्त बल को भेजा है।’’

इस बीच, एसपीजी के साथ-साथ हार्दिक पटेल नीत पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) ने सोमवार (18 अप्रैल) को ‘गुजरात बंद’ का आह्वान किया है।