उत्तर प्रदेश सरकार अपनी सांसद और कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ साल 2010 में दर्ज मामले को वापस लेगी। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज की विशेष अदालत में एक याचिका दायर की थी। सरकार की याचिका पर विशेष अदालत ने उन्हें केस वापस लेने की अनुमति दे दी।

उत्तर प्रदेश में सरकार में कैबिनेट मंत्री जोशी इस बार इलाहाबाद से चुनाव जीती हैं। यह मामला साल 2010 में उस समय का है जब रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष हुआ करती थीं। उनके खिलाफ मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ विरोध मार्च के दौरान पुलिस टीम पर हमला करने का आरोप था।

रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ यह मामला लखनऊ के वजीरगंज थाने में दर्ज किया गया था। पुलिस वाले कांग्रेस पार्टी के नेताओं को मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़ने से रोक रहे थे। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। करीब तीन महीने पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष अदालत (सांसद/विधायकों) में इस केस को वापस लेने की लिए याचिका दायर की थी।

प्रयागराज के जिला सरकारी वकील गुलाब चंद्र अग्रहरी ने बताया कि विशेष जज पवन कुमार तिवारी ने शनिवार को इस मामले को वापस लेने की अनुमति प्रदान की। अभियोजन पक्ष के अनुसार यह केस 16 फरवरी 2010 का है। उस समय कांग्रेस के नेता वजीरगंज पुलिस थाना क्षेत्र में शहीद स्मारक पर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। जब कांग्रेस नेता मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने उन लोगों को रोकने का प्रयास किया।

इसके बाद प्रदर्शनकारी भड़क गए। उन लोगों ने पुलिस के बैरिकेड तोड़ दिए और पुलिसवालों पर पत्थर भी फेंके। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया था। वजीरगंज थाना के तत्कालीन एसएचओ ओम प्रकाश शर्मा ने घटना के बाद एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने मामले की जांच के बाद रीता बहुगुणा जोशी और मीरा सिंह के खिलाफ विभिन्न आरोप में मामला दर्ज किया था।