राजस्थान की भजनलाल सरकार ने कफ सिरप विवाद में बड़ा कदम उठाया है। ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और जयपुर स्थित कायसन फार्मा द्वारा बनाई गई सभी 19 दवाओं के वितरण पर भी रोक लगा दी गई है। यह कड़ा फैसला इस कारण लिया गया है क्योंकि इस कंपनी के कफ सिरप की वजह से मध्य प्रदेश और राजस्थान में कथित रूप से बच्चों की मौत हुई है।
कफ सिरप विवाद पर राजस्थान सरकार
राजस्थान के स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग ने इस बारे में एक बयान भी जारी किया है, जिसमें जोर देकर कहा गया है कि जो दवाइयां वितरण की गई थीं, वे तय मानकों के अनुरूप नहीं थीं और उनमें अनियमितताएं पाई गईं। इसी वजह से ड्रग कंट्रोलर को निलंबित किया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। विशेषज्ञों की एक टीम भी गठित की गई है।
इस कफ सिरप विवाद पर प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौर ने बताया है कि केंद्र सरकार ने 2021 में ही साफ कर दिया था कि 4 साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा नहीं देनी है। ऐसे में ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया है कि 5 साल से बड़े बच्चों को ही यह कफ सिरप दिया जाए और 2 साल से छोटे बच्चों को यह दवा नहीं दी जानी चाहिए।
केंद्र सरकार ने क्या बताया है?
वैसे स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कहा गया कि खांसी और सर्दी में पहले आराम, पर्याप्त पानी और अन्य सहायक उपाय अपनाना जरूरी है। सभी अस्पताल और क्लिनिक केवल गुणवत्ता वाली दवाएं ही दें और राज्य स्वास्थ्य विभाग इसे सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य केंद्रों में लागू करें। भारत सरकार ने बच्चों में कफ सिरप और सर्दी-जुकाम की दवाओं के सुरक्षित और विवेकपूर्ण उपयोग के लिए नई एडवाइजरी जारी की है।
भारत सरकार ने कहा है कि बच्चों में कफ सिरप और सर्दी-जुकाम की दवाओं के सुरक्षित और विवेकपूर्ण तरीके से होना चाहिए। मंत्रालय ने कहा है कि अधिकांश बच्चों में अचानक होने वाली खांसी स्वयं ही ठीक हो जाती है और इसके लिए दवाइयों की जरूरत नहीं होती है।
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