साल 2012 में एक यात्री को दुरंतो एक्सप्रेस में चूहे के काटने पर रेलवे द्वारा मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं देने के एक केस में कंज्यूमर कोर्ट ने आदेश सुनाया है। केरल के कोट्टायम शहर में कंज्यूमर कोर्ट ने रेलवे को 13 हजार रुपये क्षतिपूर्ति के तौर पर पीड़ित व्यक्ति को देने का निर्णय दिया है। सी जे बुश का आरोप था कि मुंबई से एर्नाकुलम के सफर के दौरान दुरंतों एक्सप्रेस के एसी कोच में उन्हें चूहे ने काट लिया था। इस घटना की सूचना रेलवे प्रशासन को देने के बावजूद उन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं दिया गया।
उन्होंने बताया कि 11 मार्च 2012 को सुबह 4 बजे वो अपनी सीट पर सो रहे थे कि तभी उन्हें दर्द का एहसास हुआ और उन्होंने उठकर देखा कि एक चूहा उनके पैर की उंगली को काट रहा है। उंगली में से खून भी निकल रहा था। उन्होंने तुरंत इस बारे में टीटी को बताया लेकिन इसके बावजूद उन्हें किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं दी गई। अपने पूरे सफर के दौरान वो दर्द को सहते रहे। सूचना देने के बावजूद एनाकुलम और कोट्टायम स्टेशन के स्टेशन मास्टर ने उनकी सहायता करने में कोई रुचि नहीं दिखाई बाद में उन्होंने प्राइवेट हॉस्पिटल में अपना इलाज करवाया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट में रेलवे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बुश ने इस घटना की जानकारी रेलवे प्रशासन को नहीं दी थी लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा, “पेश किये गये दस्तावेजों से यह साबित होता है कि पीड़ित पक्ष द्वारा चूहे के काटने से हुए जख्म की शिकायत सहीं थी और रेलवे यात्री को अच्छा ट्रीटमेंट देने में नाकाम साबित हुआ है। पीड़ित पक्ष ने पूरे सफर के दौरान जो शारीरिक और मानसिक दर्द सहा है उसके लिए कोर्ट रेलवे को 10 हजार रुपए क्षतिपूर्ति देने का आदेश सुनाता हैं साथ ही प्राइवेट में इलाज के दौरान खर्च हुए 3 हजार रुपए भी रेलवे वहन करेगा।”