आगर-मालवा में 18 गायों की मौत के एक दिन बाद ही मध्य प्रदेश सरकार हरकत में आ गई है। कमल नाथ सरकार ने राज्य में छह महीने के अंदर 1000 गोशालाएं बनाने का ऐलान किया है। पहले चरण में इनमें एक लाख गायों को रखा जा सकेगा। मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेंद्र गुप्ता के मुताबिक पहले चरण को पूरा करने के लिए सरकार ने छह महीने का समय निर्धारित किया है। माना जा रहा है कि मई 2019 तक गायों को रखने की शुरुआत हो जाएगी।
निजी गोशालाओं पर भी फोकसः गुप्ता के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में करीब 450 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसके लिए काम की शुरुआत हो चुकी है। सरकार का मानना है कि राज्य में करीब छह लाख गायों को संरक्षण की जरूरत है। पहले चरण में 614 निजी गोशालाओं की भी क्षमता बढ़ाकर 60 हजार तक की जाएगी। इस तरह कुल 1 लाख 60 हजार गायों को संरक्षण प्रदान किया जा सकेगा।
पांच गुना की जाएगी प्रति गाय खर्च राशिः मध्य प्रदेश में यह अपने तरह का पहला प्रोजेक्ट होगा। गुप्ता के मुताबिक प्रति गाय खर्च की सीमा साढ़े चार रुपए है जिसे बढ़ाकर 20 रुपए किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले राजस्थान में वसुंधरा सरकार ने देश में पहली बार गाय मंत्रालय बनाया था। अब कमल नाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार भी गायों पर फोकस कर रही है। अब तक गोसंरक्षण को लेकर आमतौर पर भारतीय जनता पार्टी और अन्य दक्षिणपंथी संगठन ही मुद्दा उठाते रहे हैं। ऐसे में अब कांग्रेस उस राह पर चलकर इस मुद्दे को अपने पक्ष में करना चाहती है। सॉफ्ट हिंदुत्व की रणनीति के बाद यह कदम कांग्रेस की रणनीति में बदलाव की तरह देखा जा रहा है।