Sadguru Jaggi Vasudev: एक पशु अधिकार समूह ने ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरु जग्गी वासुदेव के खिलाफ 9 अक्टूबर को कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर में एक कार्यक्रम के दौरान रैट स्नेक दिखाने के लिए शिकायत दर्ज की है। वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
सोसायटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (SPCA) के सदस्य पृथ्वी राज सीएन ने उप वन संरक्षक के पास शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि सदगुरु ने एक रैट स्नेक को अवैध रूप से पकड़कर और प्रदर्शित करके वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया था। रैट स्नेक को अधिनियम की अनुसूची-2 के तहत संरक्षित किया गया है।
रैट स्नेक के अवैध प्रदर्शन का आरोप: सोसायटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स के सदस्यों ने शनिवार को चिक्कबल्लापुरा के उप वन संरक्षक से ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी वासुदेव के खिलाफ शिकायत की। जिसमें रैट स्नेक के अवैध परिवहन, फंसाने और प्रदर्शन का आरोप लगाया गया था। शिकायत में सदस्यों ने आरोप लगाया कि सद्गुरु ने 9 और 10 अक्टूबर को सांप दिखाया था और उसे अब तक वन विभाग के अधिकारियों को नहीं सौंपा गया है।
सदगुरु के खिलाफ कार्रवाई की मांग: एसपीसीए बोर्ड के सदस्य पृथ्वी राज सीएन ने कहा कि वह सदगुरु के खिलाफ नहीं हैं लेकिन उन्हें जिम्मेदार होना चाहिए क्योंकि उनके कई अनुयायी हैं। ऐसा करने से दूसरे भी उनसे प्रेरित हो सकते हैं। पृथ्वी राज ने यह भी दावा किया कि कर्नाटक के चिकबल्लापुर में परिसर का निर्माण करते समय फाउंडेशन द्वारा पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन किया गया था। उन्होंने वन विभाग से सदगुरु के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया। पृथ्वी राज ने अपनी शिकायत में कहा कि सदगुरु जग्गी वासुदेव ने आयोजन में रैट स्नेक को प्रदर्शित करके वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 का उल्लंघन किया है।
वहीं, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चिक्कबल्लापुरा के डीसीएफ रमेश बीआर ने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि कुछ तस्वीरें विभाग में भी पहुंची हैं, जिनकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर सदगुरु जग्गी वासुदेव को भी स्पष्टीकरण के लिए बुलाया जाएगा।
ईशा फाउंडेशन ने दी सफाई:
बढ़ते बवाल के बीच ईशा फाउंडेशन ने एक प्रेस नोट जारी कर अपना पक्ष रखा है। फाउंडेशन ने बताया कि नाग प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान चिक्कबल्लापुर में एक सांप घुस गया। लोगों को कोई नुकसान न हो, इसके लिए सद्गुरु ने सांप की भी सेफ्टी का ख्याल रखते हुए उसे धीरे से पकड़कर पास के जंगल में सुरक्षित छोड़ देने के लिए कहा। इस दौरान किसी भी तरह से सांप को नुकसान पहुंचाने की कोई मंशा नहीं थी। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस को जानकारी थी।
फाउंडेशन ने दर्ज हुई शिकायत में गलत जानकारी होने का दावा किया है। बताया गया कि सांप को उचित तरीके से पकड़कर बाहर ले जाया गया। फाउंडेशन ने कहा कि नुकसान पहुंचाने की बात शिकायत में दर्ज है लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया।
