उत्तर प्रदेश के बदायूं के सिसरका गांव में सोमवार को उस वक्त तनाव फैल गया जब हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची ने गांव में पहुंचकर बन रही मस्जिद को लेकर कथित तौर पर बयानबाजी की। स्टेशन हाउस अफसर के मुताबिक साध्वी ने कहा कि वह अवैध जमीन पर कोई भी ढांचा नहीं बनने देंगी। उन्होंने यह भी बताया कि साध्वी ने उस जगह का भी दौरा किया था। पिछले शुक्रवार को गांव में उस वक्त सांप्रदायिक झड़प हुई थी जब मुसलमानों ने पहली बार नमाज अदा की। मुस्लिमों ने बताया कि गांव के पूर्व प्रधान ने उन्हें यह जमीन डोनेट की थी, लेकिन हिंदुओं ने ढांचे को अवैध बता दिया।

हापुड़ जिले में भी तनाव: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के उपेदा गांव में भी दो समुदायों में झड़प के बाद पिछले एक हफ्ते से स्थिति तनावभरी है। एक समुदाय के युवकों पर हमले के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है और दो आरोपों को गिरफ्तार किया गया है। शिकायतकर्ता शाकिब के पिता निजाम ने बताया कि अन्य समुदाय के 4 युवकों ने 29 मार्च को शाकिब, उसके कजिन समीर, सुहैल और उनके अंकल साबू पर उस वक्त आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं, जब वह नमाज अदा कर लौट रहे थे। निजाम, शाकिब और अन्य बहस में नहीं पड़े और घर लौट आए। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बाद भी आरोपी उनका पीछा करते रहे और उन पर हमला कर दिया।
इसके बाद उन्होंने और उनके कजिन सलीम ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन उनके साथ भी मारपीट की गई। बाबूगढ़ के एसएचओ जितेंद्र कुमार ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने सहित कई आरोप इन लड़कों पर लगाए गए हैं। इन नाबालिग लड़कों की पहचान नानू, संदीप और प्रिंस के तौर पर हुई है। नानू और संदीप को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एफआईआर के बाद हमले की आशंका को देखते हुए सलीम खान ने अपने परिवार को दूर भेज दिया है। उन्होंने बताया कि कुल पांच परिवारों को दूर भेजा गया है, जिसमें मेरा, निजाम और हमारे कजिन का परिवार शामिल है। अधिकारियों से सुरक्षा का भरोसा मिलने के बाद हम उन्हें वापस बुला लेंगे। हालांकि सर्किल अॉफिसर शिव प्रसाद दुबे ने दावा किया है कि इन लोगों के परिवार अपने रिश्तेदारों से मिलने गए हैं।