MP CM Shivraj Singh Chouhan: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) जिन्हें बच्चे प्यार से मामा कहते हैं, अब वो शिक्षक बनने वाले हैं। ये बात खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कही है। उन्होंने कहा, अगर शिक्षा विभाग (Education Department) उन्हें इजाजत दे तो वो महीने में दो दिन बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूलों में जाएंगे। शनिवार को सीएम शिवराज सिंह ने कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय सभागार में लर्निंग्स फ्रॉम नेशनल अचीवमेंट सर्वे कार्यशाला को संबोधित करते हुए ये बात कही। ये शिक्षकों को सम्मानित करने का समारोह था।
इस समारोह सम्मान में आए लोगों को संबोधित करते हुए CM शिवराज चौहान ने कहा- जनता और समाज के लोगों को स्कूलों से जोड़ना होगा, तभी सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहतर बनेगी। इस मुहीम में सभी को शामिल होना पड़ेगा। सीएम शिवराज ने आगे कहा, अब मध्य प्रदेश में हर साल बेहतरीन परफॉर्मेंस देने वाले शिक्षक को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा आप उन्हें ज्यादा कुछ ना दें लेकिन फूल-माला और शॉल भेंटकर सम्मान देते हुए हाथ जोड़कर उनका अभिनंदन करें।
जो कुछ हूं अपने माता-पिता और गुरू के आशीर्वाद से हूं
सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा मैंने किसी पब्लिक स्कूल से पढ़ाई नहीं की थी। जैत में मैं अपने साथ बोरी लेकर बैठने के लिए स्कूल जाता था। मैं आज जो कुछ भी हूं वो अपने माता-पिता और गुरू के आशीर्वाद से हूं। उन्होंने आगे बताया कि जिन साथियों पर पढ़ाने की जिम्मेदारी थी वो आंदोलन करते रहे। पढ़ाने की बजाए आंदोलनकारी हो गए। कोई सिर मुंडवा रहा है तो कोई कुछ कर रहा है। हमने इस परिपाटी को बदला और शिक्षा की राह से ऐसे लोगों को किनारे किया गया।
जानिए क्यों शिवराज सिंह चौहान को मामा कहते हैं
शिवराज चौहान ने एक बार इस सवाल का जवाब देते हुए बताया था, ‘मैंने मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री होने के नाते कम काम किया है, मैंने साढ़े सात करोड़ जनता को परिवार मानकर काम किया है। यह मैं झूठ नहीं बिल्कुल सच बोल रहा हूं। उनका सुख-दुख सब मेरे हैं। इसलिए जब हमने याजोनाएं बनाई, जनता के दर्द को हमने समझा। गरीब का दुख क्या होता है मैं जानता हूं। मैं अकसर यह सोचा करता था कि नारी-पुरुष में समानता कब होगी? बेटा और बेटी में लोग भेद किया करते थे। किसी के घर बेटा होता तो खुशियां मनायी जाती और बेटी होती तो दुख प्रकट किया जाता।
पहले बेटियों ने कहा मामा फिर बेटे भी कहने लगे मामा
चौहान ने बताया कि ‘बेटियों ने पहले मामा कहा तो फिर बेटे भी शुरु हो गए मुझे मामा कहना। बेटियों को साइकिल दी तो उन्हें भी साइकिल चाहिए थी तो फिर बेटों को भी साइकिल दी। आज हर बच्चा वहां चिल्ला-चिल्लाकर मुझे मामा ही पुकारा करता है। मेरा मध्यप्रदेश के लोगों और वहां के बच्चों से एक अलग तरह का रिश्ता बना हुआ है। मुझे गर्व है कि मुझे मेरी जनता का प्यार और विश्वास हासिल है। यह रिश्ता दिल से बना है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।’