पबजी गेम (Player Unknown’s BattleGround) खेलने की लत के चलते गाजियाबाद के सिहानी गेट थाना क्षेत्र में रहने वाले एक स्कूली छात्र के घर छोड़ देने का मामला सामने आया है। बच्चे के पिता ने बताया कि 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले 15 वर्षीय उनके बेटे को ऑनलाइन गेम पबजी खेलने की लत थी। इस गेम को खेलने वाले दूसरे यूजर ने उनके बेटे का ब्रेनवॉश कर दिया। छात्र के पिता ने पुलिस पर भी लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैंने अपने बेटे का लैपटॉप पुलिस को दे दिया, लेकिन अब तक जांच शुरू नहीं की गई।
11 मार्च से लापता है बच्चा : बच्चे के पिता ने बताया कि 11 मार्च ( सोमवार) को वह हमें दोस्त के घर जाने की बात कहकर निकला था और देर शाम तक नहीं लौटा। इसके बाद बच्चे के परिजनों ने जब उसे ढूंढना शुरू किया तो उसकी स्कूटी बस अड्डे के पास खड़ी मिली। इसके बाद उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी।
पबजी गेम की ऑनलाइन चैट करता था इस्तेमालः छात्र के माता-पिता गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में रहते हैं। माता-पिता दोनों स्कूल टीचर हैं। पिता ने बताया कि उनका बेटा दिन-रात पबजी गेम खेलने में लगा रहता था और गेम में ही कुछ लोगों से चैट करता था। वह खुद को इस गेम का मास्टर बताता था।
नया अकाउंट बनाकर बात करने की बात लिखीः एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि यह बच्चा पबजी गेम में एक आईडी से लगातार चैट करता था। वह दूसरे यूजर्स से अपने परिवार संबंधी बातें भी बताता था। घर छोड़ने से एक दिन पहले 10 मार्च ( रविवार) को बच्चे ने अपनी आईडी से दूसरे यूजर को लिखा कि वह नया अकाउंट बनाकर बात करेगा। इसके अगले दिन सोमवार (11 मार्च) को वह घर से चला गया। एसपी सिटी ने बताया कि जिस यूजर से बच्चा बात कर रहा था, वह भारत का है। उस आईडी की जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है। बच्चा अपनी मां का फोन और घर से 15 हजार रुपये भी अपने साथ ले गया है। इसी आधार पर उसे ढूंढने की कोशिश की जा रही है।
क्या है पबजी गेमः पबजी एक ऑनलाइन वीडियो गेम है। इस गेम का क्रेज इतना है कि पूरी दुनिया में इसके 20 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। यह गेम यूजर के दिमाग पर पूरी तरह हावी हो जाता है और उन्हें आभासी दुनिया में ले जाता है। हाल ही में इस गेम की हिंसक प्रवृत्ति को देखते हुए देश के कुछ राज्यों मे इसे बैन किया गया है। इस गेम को खेलने से लोगों पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए इसे पूरे देश में बैन करने की मांग की जा रही है।