छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सलियों को शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया था, जिस पर अब प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की प्रतिक्रिया आई है। छत्तीसगढ़ सरकार के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार के साथ शांति वार्ता करने की इच्छा दिखाई है। लेकिन उन्होंने कई शर्तें भी रखी हैं, जिसमें उनके जेल में बंद नेताओं की रिहाई और संघर्षग्रस्त क्षेत्र में सुरक्षा बलों की वापसी शामिल है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार नक्सलियों की प्रतिक्रिया राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उस बयान के बाद आई है जब मुख्यमंत्री बघेल ने कहा था कि उनकी सरकार संविधान में विश्वास व्यक्त करने पर विद्रोहियों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। बता दें कि छत्तीसगढ़ देश में सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित राज्यों में से एक है। सोशल मीडिया पर प्रसारित माओवादियों द्वारा जारी एक बयान के अनुसार माओवादियों ने मुख्यमंत्री के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री बातचीत की पेशकश करते हैं। जबकि बस्तर में हमारे ऊपर हवाई हमला किया जा रहा है।
संविधान के बारे में मुख्यमंत्री के बयान का जिक्र करते हुए प्रतिबंधित संगठन ने कहा कि सरकारें लोगों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही हैं। संगठन ने कहा, “सरकारें PESA [पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम] और संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत ग्राम सभा को दिए गए अधिकारों का उल्लंघन कर रही हैं। सीएम द्वारा की गई बातचीत की पेशकश पर हमारी प्रतिक्रिया यह है कि हम इस शर्त पर बातचीत करने के लिए हमेशा तैयार हैं कि सरकार इसके लिए अनुकूल वातावरण बनाए।”
माओवादियों ने बातचीत के लिए जो शर्तें रखी हैं, उनमें पार्टी और उसके प्रमुख संगठनों पर से प्रतिबंध वापस लेना, स्वतंत्र रूप से काम करने का अवसर, हवाई हमले को रोकना, सुरक्षा बलों के शिविरों को हटाना और संघर्षग्रस्त इलाकों से बलों की वापसी और जेल में बंद उनके नेताओं की रिहाई शामिल है। नक्सलियों की मांगों पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा, “सीएम बघेल ने दोहराया कि यदि माओवादी संविधान में विश्वास व्यक्त करते हैं तो उनकी सरकार किसी भी मंच पर उनसे बातचीत के लिए तैयार है। हमारी सरकार ने अपनी योजनाओं से आदिवासियों का दिल जीता है, जिसके परिणामस्वरूप नक्सलियों को बैकफुट पर धकेल दिया गया है।”
माओवादियों द्वारा रखी गई शर्तों पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के गृह मंत्री ताम्रद्वाज साहू ने कहा कि बातचीत बिना शर्त ही होगी। वहीं माओवादियों ने सवाल किया है कि मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि हाल के हवाई हमले की अनुमति किसने दी है?