झारखंड विधानसभा में बुधवार को शर्मनाक नजारा देखने को मिला। भूमि बिल में संशोधन को लेकर सदन में विपक्षी दलों ने जमकर बवाल काटा। स्पीकर दिनेश ओरान पर जूता फेंका गया, उनके माइक नष्ट कर दिए गए और सदन में कुर्सियां-मेजें फेंकी गईं। दो भूमि कानूनों को लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष के बीच चला आ रहा गतिरोध खत्म हो गया, जब एक संशोधन कानून सदन में पेश किया गया और बिना चर्चा के मिनटों में ही पास कर दिया गया। जब सदन लंच के बाद दोपहर 2 बजे फिर से एकत्रित हुआ, तो भूमि एवं राजस्व मंत्री अमर बावड़ी ने सदन में विपक्षी पार्टियों के विरोध के बीच संशोधन बिल रखा। राज्य के भूमि कानूनों में संशोधन के खिलाफ विपक्षी दलों के सदस्य वेल में आकर नारे लगाने लगे। विपक्ष के कुछ सदस्य रिपोर्टर्स की मेज पर चढ़ गए और झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक पाेलुश सरीन ने स्पीकर पर जूता फेंक दिया। हालांकि सदन के मार्शल ने जूता पकड़ लिया। विपक्ष के सदस्यों ने बिल की कॉपी फाड़ दी और टुकड़े स्पीकर पर फेंक दिए। ध्वनि मत से पास हुए संशोधनों के बाद कृषि भूमि को गैर-कृषि कार्यों के लिए भी प्रयोग किया जा सकेगा।
बुधवार सुबह 11 बजे जब सदन एकत्रित हुआ तो विपक्षी वेल में आकर संशोधनों का विरोध करने लगे। विपक्षी सदस्यों ने कुर्सियां और रिपोर्टर्स की मेज उठाकर फेंक दी। भारी हंगामे के चलते सदन को 12.45 तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दोबारा सदन की कार्रवाही शुरू होने पर फिर हंगामा हुआ तो सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
स्पीकर पर जूता फेंकने के कदम को जायज ठहराते हुए जेएमएम के पोलुश सरीन ने कहा, ”हम लोगों के प्रतिनिधि हैं और हमारी आवाज नहीं सुनी गई। हम क्या कर सकते हैं जब लोगों की आवाजें दबाई जा रही हैं?” भाजपा की सहयोगी आल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (एजेएसयू) ने भी बिल का विरोध किया है। इसके विधायक विकास मुंडा ने मीडिया से कहा, ””हम अदालत जाएंगे। हमारे विकल्प खुले हुए हैं। सरकार में रहना मुद्दा नहीं है।”
मुख्यमंत्री रघुबर दास ने विधानसभा में हुए घटनाक्रम की निंदा की है।