छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभाव वाले अबूझमाड़ क्षेत्र में भले ही जनसंचार की उपस्थिति नगण्य है, लेकिन अब इस क्षेत्र के आदिवासी एक मिनी थिएटर में फिल्में देख सकते हैं । बाहरी दुनिया से जुड़ने के लिए यह पहल की गयी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ क्षेत्र के बांिसग गांव में पहला थिएटर खोला है तथा इस पिछड़े क्षेत्र में और ऐसी सुविधाएं विकसित करने की योजना है।

नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने पीटीआई से कहा कि इस लघु थिएटर का बृहस्पतिवार को उद्घाटन किया गया और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग बॉलीवुड फिल्म ‘बाहुबली’ देखने के लिए वहां पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘दरअसल विचार अबूझमाड़ के आदिवासियों को बाहरी दुनिया से जोड़ने का है जिससे वे काफी हद तक माओवादियों गतिविधियों की वजह से अनजान हैं। ’’

उन्होंने पीटीआई से कहा कि स्थानीय लोगों के साथ चर्चा के बाद 100 सीटों वाले इस थिएटर का नाम ‘बांसिग सिलेमा’ रखा गया जिसका मतलब गोंडी बोली में ‘बांसिग सिनेमा’ होता है। इस थिएटर में लोग मुफ्त में सिनेमा देख सकते हैं। विभिन्न आदिम आदिवासियों के क्षेत्र अबूझमाड़ में टेलीविजन और मोबाइल करीब-करीब नहीं हैं । सप्ताह में एक एक बार हॉट बाजार लगता है । इसे छोड़कर लोगों को मनोरंजन का कोई साधन मयस्सर नहीं है।

शुक्ल ने कहा कि नारायणपुर शहर में भी कोई सिनेमाघर या थिएटर नहीं है। फिल्मों के अलावा, ग्रामीण अब डायरेक्ट टू होम के माध्यम से बड़े पर्दे पर टेलीविजन चैनल देख पायेंगे। योजना फिल्मों , कृषि, शिक्षा, खेलकूद और राष्ट्रभक्ति पर डॉक्यूमेंटरी दिखाने की है।

एसपी ने बताया कि थिएटर के परिसर में एक गेमिंग जोन भी बनाया गया है। इस गेमिंग जोन में लोग टेबल टेनिस, कैरम और शतरंज जैसे खेलों को खेल सकते हैं। स्थानीय लोगों की एक समिति, जिसमें युवा और बुजुर्ग दोनों ही होंगे। ये लोग ही मिलकर थिएटर को चलाएंगे और उसका प्रबंध संभालेंगे।

ओरछा जनपद पंचायत की सदस्य और अबूझमाड़ क्षेत्र की कर्ताधर्ता रजनी उसेंदी ने इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा,” आदिवासियों के चेहरे पर दिखने वाली मुस्कान साफ बताती है कि बाहुबली फिल्म देखकर वह लोग कितने खुश हैं। ये बताता है कि छोटी-छोटी चीजें भी हमें कैसे खुश और उत्साहित कर सकती हैं।