छत्तीसगढ़ में भाजपा नेता और पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। सोशल मीडिया पर एक फर्जी वीडियो सर्कुलेट करने के आरोप में उनके खिलाफ यह एफआईआर दर्ज हुई है। यह वीडियो कोरबा में कोल इंडिया की एक खदान में कोयला चोरी से संबंधित है।
कांग्रेस नेता मधुसूदन दास की शिकायत पर शनिवार (11 जून, 2022) को चौधरी के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 505 (1)(b) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। चौधरी ने 17 मई को एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें कई लोगों को फावड़े से खुली खदान खोदते और बोरियों में कोयला इकट्ठा करते देखा गया था।
चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह वीडियो कोरबा जिले में कोल इंडिया की गेवरा खदान का है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, “यह संगठित माफिया राज का खुला कृत्य है। हजारों मजदूर खुलेआम कोयला चोरी में लगे हुए हैं। छत्तीसगढ़ में सब कुछ कल्पना से परे पहुंच गया है।”
वीडियो के सोशल मीडिया पर व्यापक स्तर पर सर्कुलेट होने के बाद जब यह मामला बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रतन लाल डांगी के संज्ञान में आया तो उन्होंने वीडियो की जांच का आदेश दिया।
वहीं, चौधरी का कहना है कि वीडियो वायरल होने के बाद मई में कलेक्टर रानू साहू ने भी मामले की जांच शुरू की थी। उन्होंने कहा, “अगर सरकार को कोयले की चोरी को लेकर अवगत करवाना अपराध है, तो सरकार को अपनी प्राथमिकताएं ठीक करने की जरूरत है। मैं इसके लिए जेल जाने से नहीं डरता।”
अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस मुझ पर हमला करके सच को सामने लाने से रोकना चाहती है, लेकिन मैं सिर्फ स्थिति को उजागर कर रहा था।”
रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने चौधरी के समर्थन में ट्वीट कर सीएम भूपेश बघेल को ‘कमजोर’ बताया। उन्होंने कहा, “मैंने ऐसा कमजोर मुख्यमंत्री कभी नहीं देखा, जो सच्चाई नहीं देख सकता। ओपी चौधरी ने आपके सिस्टम की कमियों को उजागर किया, इसलिए उन पर गैर-जमानती अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया।”
वहीं, बघेल ने प्राथमिकी को सही ठहराते हुए कहा कि अगर चौधरी दोषी पाए जाते हैं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी क्योंकि वह एक पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने कहा, “रमन सिंह सिर्फ चौधरी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। वह एक पूर्व आईएएस अधिकारी हैं, जो कानून के बारे में जानते हैं और उन्हें वीडियो ट्वीट करने से पहले जांच करनी चाहिए थी।”