छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के रोजगार सहायकों का मानदेय 9,540 रुपये करने की घोषणा की है। राज्य के जनसंपर्क विभाग केअधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने मनरेगा के रोजगार सहायकों का मानदेय पांच हजार रुपये से बढ़ाकर 9,540 रुपए करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आए मनरेगा के रोजगार सहायकों के एक प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान यह घोषणा की। इस दौरान राज्य के उद्योग मंत्री कवासी लखमा भी मौजूद थे।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मनरेगा के रोजगार सहायक मानदेय में वृद्धि और नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। इसमें मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 और पंचायत कर्मी नियमावली लागू करने की मांग शामिल थी। इसे लेकर मनरेगा कर्मियों ने दंतेवाडा जिले में सरकार का खिलाफ एक दांडी मार्च भी निकाला गया था, जिसे सहायक कर्मियों की ओर तिरंगा मार्च नाम दिया गया था।

रोजगार सहायकों की ओर से बताया गया कि इस मार्च में करीब 5 हजार रोजगार सहायक ने भाग लिया था। वहीं, पूरे मार्च में बताते हुए आयोजनकर्ताओं ने दावा किया था कि यह का पहला ऐसा आंदोलन है, जिसमें कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 400 किलोमीटर तक लंबी दांडी यात्रा निकली है।

रोजगार सहायकों के इस आंदोलन की गूंज सरकार तक भी पहुंची और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर मानदेय बढ़ाने की घोषणा की। बता दें, रोजगार सहायक अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर 4 अप्रैल से सरकार के खिलाफ धरना दे रहे थे। इस धरने में करीब 15 हजार से अधिक शिक्षा सहायक शामिल थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रोजगार सहायकों की सेवा शर्तों की मांग को लेकर कहा कि इस संबंध में राज्य स्तर की समिति से प्रतिवेदन होने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। वहीं, इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से किये गए ट्वीट में कहा गया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मनरेगा के रोजगार सहायकों के मानदेय में वृद्धि की घोषणा की। अब कलेक्टर दर पर मानदेय मिलेगा। सेवा शर्तों की मांग पर ‘राज्य स्तरीय समिति’ के प्रतिवेदन के बाद होगा फैसला। रोजगार सहायकों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मिलकर रखी थी अपनी बात।