छत्तीसगढ़ सरकार ने मंगलवार को साल 2020-21 का बजट पेश किया। विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्चों और युवाओं में फैल रहे कुपोषण को दूर करने के लिए कई योजनाओं के तहत बजट आवंटित किया। इसमें अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाकों में हर परिवार को 2 किलो चना बांटने के लिए 171 करोड़ का प्रावधान है। बस्तर संभाग में प्रति परिवार 2 किलो गुड़ वितरण के लिए 50 करोड़ का प्रावधान है। बजट में इस वर्ष एक नई योजना चावलों के फोर्टिफिकेशन पर 5 करोड़ 80 लाख खर्च का प्रावधान किया गया है। इसके तहत बच्चों को दिए जाने वाले चावल में ही विटामिन और आयरन मिला कर दिया जाएगा। सरकार के मुताबिक कोंडागांव जिले में कुपोषण को दूर करने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है।
कोंडागांव कुपोषण से सबसे ज्यादा प्रभावितः कोंडागांव जिले में 6 साल तक के 53295 बच्चों में से 5966 बच्चे गंभीर कुपोषित और 13606 बच्चे कुपोषित की श्रेणी में है। जिले का कुपोषण का प्रतिशत 36.72 है। यह योजना केंद्र सरकार के पायलय प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गई है जिसमें देश के 15 जिलों में चावल में अतिरिक्त पोषण मिलाकर देने की योजना है। इसका जिक्र पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 में मन की बात कार्यक्रम के दौरान की थी। जिन राज्यों में पीडीएस के तहत फोर्टिफाइड चावल की शुरुआत होगी उनमें यूपी, बिहार और झारखंड भी शामिल हैं। नीति आयोग की सबसे पिछड़े जिलों की सूची में उत्तर प्रदेश के आठ, झारखंड के 19, बिहार के 13, उत्तराखंड के दो और हरियाणा का एक जिला शामिल है।
भारत सरकार के द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किसान बाबूलाल दाहिया भी मानते हैं कि चावल में विटामिन मिलाना एक नई बात है और यह नौबत मोटे अनाजों से दूरी की वजह से आई है। देसी धान की किस्मों की तरफ जाया जाए तो चावल के पोषण को बरकरार रखा जा सकता है। वह कहते हैं कि गेहूं में इस कमी को दूर करने के लिए चना मिलाया जा सकता है। इसी तरह चावल की दूसरी पोष्टिक किस्मों को उपजाकर इसे दूर किया जा सकता है।
एक अनुमान के मुताबिक, देश में छह माह से पांच साल तक के करीब 58 फीसदी बच्चे, हर आयु की लगभग 53 फीसदी महिलाएं और 22 प्रतिशत पुरुष एनीमिया के शिकार हैं। इसलिए, लोगों के प्रतिदिन के खाने में अतिरिक्त माइक्रोन्यूटिएंट्स देना जरुरी है। इस अंतर को पूरा कर देश से कुपोषण को पूरी तरह खत्म किया जा सकेगा। फोर्टिफाइड चावल में अतिरिक्त विटामिन और आयरन जैसे कई जरुरी माइक्रोन्यूटिएंट्स मिलाए जाते हैं।
चावल से पहले नमक, खाने वाला तेल, दूध और आटे का फोर्टिफिकेशन देश में किया जा रहा है। केंद्र सरकार के मुताबिक फोर्टिफिकेशन का बाजार देश में 3000 करोड़ के ऊपर है। चावल का फोर्टिफिकेशन शुरू हुआ तो देश में अतिरिक्त 1700 करोड़ का बाजार तैयार होगा।