छत्तीसगढ़ में विधानसभा का चुनाव होने ही वाला है। हर राजनीतिक पार्टी की निगाह मुख्यमंत्री की कुर्सी और उनकी सीट पर है। लेकिन मुख्यमंत्री रमन सिंह की राजनांदगांव सीट पर उनसे टकराने की बेचैनी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में सबसे बढ़कर है। कांग्रेस ने राजनांदगांव सीट के लिए अपने कार्यकर्ताओं से उम्मीदवारी के लिए प्रस्ताव मांगे थे। कांग्रेस के कुल 33 कार्यकर्ताओं ने रमन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की है। वैसे बता दें कि जेसीसीजे के अध्यक्ष अजीत जोगी ने भी इसी सीट ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
वैसे बता दें कि राजनांदगांव जिले में छह विधानसभा सीट हैं। राजनांदगांव के अलावा अन्य 5 विधानसभा सीटों में सीट खुज्जी, डोंगरगांव, डोंगरगढ़, मोहला-मानपुर और खैरागढ़ आती हैं। कांग्रेस ने इन सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के इच्छुक कार्यकर्ताओं से आवेदन मांगे थे। मंगलवार (7 अगस्त) को आवेदन की आखिरी तारीख थी। प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कुल 39 लोगों ने फॉर्म खरीदे थे। लेकिन सिर्फ 33 लोगों ने ही ये फॉर्म भरकर जमा किए हैं। हर विधानसभा में 15 से ज्यादा लोगों ने टिकट का दावा किया है।
कार्यकर्ताओं के इस उत्साह से शहर के कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप शर्मा भी खुश हैं। उनका कहना है कि राजनांदगांव विधानसभा सीट से 39 लोगों ने नामांकन फॉर्म लिया था और कल शाम 5 बजे तक 33 लोगों का नामांकन फॉर्म जमा किया गया है। टिकट का फैसला तो आलाकमान करेगा लेकिन पार्टी के सभी कार्यकर्ता आगामी विधानसभा चुनाव में रमन सिंह को हराने की क्षमता रखते हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में रमन सिंह के खिलाफ लड़ने के लिए कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार अलका मुदलियार को खड़ा किया था। अलका मुदलियार को रमन सिंह ने करारी शिकस्त दी थी। इस बार फिर से राजनांदगांव विधानसभा सीट से महिला उम्मीदवारों ने दावेदारी की है। टिकट मांग करने वाली कांग्रेस कार्यकर्ता हेमा देशमुख ने मीडिया से कहा कि वह रमन सरकार की नाकामियों को लेकर जनता के बीच जाएंगी। उन्होंने कहा कि नारी देवी का स्वरूप है और निश्चित ही उन्हें टिकट मिलने पर रमन सिंह हारेंगे।