छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले से 100 लोगों की हिंसक भीड़ द्वारा एक पादरी को पीटे जाने का मामला सामने आया है। 100 लोगों की हिंसक भीड़ ने पादरी के साथ मारपीट की और उसके घर में जमकर तांडव मचाया। हिंसक भीड़ को देखकर पादरी का परिवार जैसे तैसे जान बचाकर भागा. भीड़ ने पादरी के घर के बाहर धर्मांतरण बंद करो का नारा भी लगाया।
कबीरधाम पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह घटना जिले के सुदूरवर्ती गांव कुकदूर में सुबह 11 बजे हुई। गांव के पादरी कवल सिंह परस्ते के घर पर एक प्रार्थना सभा चल रही थी। इस दौरान कई और लोग भी प्रार्थना सभा में मौजूद थे। तभी 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ पादरी के घर के तरफ आ गई और घर में मौजूद पूजा पाठ के सामानों को उठा कर फेंकना शुरू कर दिया।
इस दौरान भीड़ ने पादरी और वहां मौजूद लोगों के साथ भी मारपीट की। भीड़ ने इस दौरान वहां मौजूद रही महिलाओं को भी नहीं बख्शा और उसके साथ भी मारपीट की। पगलाई भीड़ के उत्पातों को देखते हुए पीड़ित पादरी का परिवार जान बचा कर किसी तरह घर से बाहर भाग निकला। भीड़ इस दौरान धर्मांतरण रोको का नारा भी लगा रही थी।
हालांकि बाद में पुलिस को जैसे ही घटना की जानकारी मिली तो एक टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। लेकिन पुलिस के आने से पहले ही भीड़ गायब हो चुकी थी। पुलिस ने मारपीट की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया। कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने इस मामले पर कहा कि पादरी के साथ हुई मारपीट के मामले में शिकायत दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
कबीरधाम जिले में पादरी के साथ हुई मारपीट और प्रार्थना सभा में अवरोध उत्त्पन्न किए जाने पर छत्तीसगढ़ के इसाई समुदाय ने रोष व्यक्त किया है। छत्तीसगढ़ ईसाई मंच के अध्यक्ष अरुण पन्नालाल ने कहा कि यह एक बहुत ही खतरनाक प्रवृत्ति है, जो राज्य में प्रचलित हो गई है और सरकार इसे रोकने में विफल रही है। हम इस सरकार की लाचारी से पीड़ित हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिनों में राज्य भर में हमारे धार्मिक स्थलों पर कम से कम 10 ऐसे हमले हुए, लेकिन किसी भी मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। हम सिर्फ न्याय चाहते हैं। लेकिन ऐसी घटनाओं की बार-बार पुनरावृति यह दिखाती है कि सरकार उन लोगों का समर्थन कर रही है जो इस तरह के वारदातों में शामिल हैं।