छत्तीसगढ़ के पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। टीएस सिंहदेव भूपेश बघेल सरकार में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। पंचायत विभाग में मंत्री टीएस सिंहदेव को बगैर विश्वास में लिए उनके विभाग से संबंधित फैसले लिए जा रहे थे, इसका जिक्र उन्होंने सीएम भूपेश बघेल को लिखी चिट्ठी में किया है। हालांकि, छत्तीसगढ़ के मंत्री ने साथ ही कहा है कि वे दी गई शेष जिम्मेदारियों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करते रहेंगे।

सीएम भूपेश बघेल को लिखी चिट्ठी में उन्होंने बताया है, “पीएम आवास योजना के अंतर्गत आवास विहीन लोगों को घर बनाकर दिया जाना था जिसके लिए मैंने कई आपसे चर्चा कर राशि आवंटन का अनुरोध किया लेकिन इस योजना में राशि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। इसलिए प्रदेश के 8 लाख लोगों के लिए आवास नहीं बनाए जा सके।”

सीएम बघेल को लिखी चिट्ठी में टीएस सिंहदेव ने कहा, “जनघोषणा पत्रों में किए वादों में पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों को पूर्ण रूप से लागू करना भी है जिसके लिए मैंने आपसे कई बार चर्चा की और विभागीय तौर पर पहल की लेकिन यह निराशा के साथ कहना पड़ रहा है कि आज तक इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई।”

टीएस सिंहदेव के इस्तीफे के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में चल रही खींंचतान बाहर आ गई है। इस इस्तीफे से संगठन और सरकार में हलचल मच गई है। बताया जा रहा है कि इसकी सूचना पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भी दे दी गई है।

सिंहदेव सरगुजा क्षेत्र के अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में से एक हैं और राज्य में मुख्यमंत्री पद के ढ़ाई-ढ़ाई साल के ​बंटवारे की चर्चा के दौरान सिंहदेव का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा था। सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि आलाकमान ने उनसे ढाई वर्ष मुख्यमंत्री पद का वादा किया था। हालांकि, आलाकमान से भूपेश बघेल के नाम की हरी झंडी मिलने के बाद से दोनों नेताओं के बीच दूरियां बढ़ती गईं।