एक परिवार पर सामाजिक रीति-रिवाजों से शादी न करने पर बिरादरी ने जुर्माना लगा दिया। मामला छत्तीसगढ़ के महासमुंद का है। यहां एक युवक के स्वजातीय लड़की से आर्य समाज मंदिर में शादी करने पर बिरादरी ने 21 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। मामले का पता लगते ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
पीड़ित रमेश कुमार निर्मलकर और उनके बेटे नागेश्वर निर्मलकर का कहना है कि हमें भोज कराने का फरमान जारी किया गया है। 8 जून की रात दस बजे तुमगांव के पीपरपारा में सामाजिक बैठक का ओयजन किया गया था। समाज के संदेशवाहक ने इस मामले में न्याय की बात कहकर हमें वहां बुलाया। जहां पर हमें 21 रुपए अर्थदंड और भोज कराने का फरमान जारी किया।
इस दौरान पिता ने बैठक के दौरान सभी के सामने रोते हुए सबको बताया कि उनके पास पैसे नहीं थे तभी बेटे की शादी मंदिर में आयोजित की। पिता को रोता और गिड़गिड़ाता देख बैठक में मौजूद लोगों ने उनसे कहा कि कम से कम 15 हजार रुपए अर्थदंड के रूप में जमा करने ही होंगे अगर ऐसा नहीं किया गया तो आपको समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा।
बिरादरी के लोगों द्वारा इस तरह की कार्रवाई की आशंका और अपनी आर्थिक स्थिति को देखते हुए पीड़ित रमेश ने पुलिस महानिदेशक और धोबी समाज के प्रदेशाध्यक्ष सूरज निर्मलकर के सामने मदद की गुहार लगाई है। पुलिस ने 10 जुलाई को मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है।
महासमुंद के एसपी संतोष सिंह ने मामले पर कहा ‘तुमगांव के रहने वाले रमेश कुमार ने पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में उन्होंने कहा कि उनकी बिरादरी के लोगों इस शादी से खुश नहीं है। उनपर जुर्माना लगाया गया है और उनका बहिष्कार किय जा रहा है।’