छत्तीसगढ़ के रायपुर में सरकारी अस्पताल में नेत्रदान के बाद शव से दुर्व्यहार करने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि शव से आंखे निकालने के बाद उसे फ्रीजर में रखने के बजाय मॉर्चुरी के बाहर लावारिस हालत में छोड़ दिया। सुबह जब परिजनों ने शव को इस हालत में देखा तो भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और अंबेडकर अस्पताल के डीन को तलब करने की बात कही है।

दरअसल, टीटीबंध के रहने वाले 40 वर्षीय कौशल गुप्ता की हार्टअटैक से मौत हो गयी थी। जिसके बाद परिजनों ने नेत्रदान का निर्णय लिया और शव को अंबेडकर अस्पताल लेकर आये। यहां नेत्रदान के बाद डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम की बात कही लेकिन समय ज्यादा हो जाने पर पोस्टमार्टम को अगले दिन करने का निर्णय लिया। लेकिन परिजनों का आरोप है कि अगले दिन जब वह अस्पताल पहुंचे तो शव मॉर्चुरी के बाहर पड़ा हुआ था और आंखें निकालने के बाद उस पर पट्‌टी भी नहीं बांधी गई थी। ये देखते ही परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने मामले में कार्यवाई की मांग की है।

इस घटना के बाद राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा, ‘बेहद दुखद। ये तस्वीर हमें बदलनी ही होगी। दुख के इस क्षण में मैं मृतक के परिजनों के साथ हूं और अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और अंबेडकर अस्पताल के डीन को तत्काल तलब कर दिया है।’

गौरतलब है कि परिजनों ने अंतिम संस्कार के बाद मामला दर्ज कराने की बात कही है। अंबेडकर अस्पताल की पीआरओ शुभ्रा सिंह ठाकुर ने इस मामले पर बोलते हुए कहा कि पोस्टमार्टम करने के बाद ही शवों को फ्रिजर में रखा जाता है। यह गाइड-लाइन का हिस्सा है। किसी भी प्रकार की अमानवीयता नहीं हुई है। फिलहाल अभी तक तो कोई शिकायत अस्पताल प्रशासन को नहीं मिली है।