छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान (नागरिक आपूर्ति घोटाले) के चलते पुलिस महानिदेशक मुकेश गुप्ता और नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह को निलंबित कर दिया गया है। वहीं सीनियर पुलिस ऑफिसर श्वेता सिन्हा को भी सजा के तौर पर तबादला कर जशपुर का एडिशनल एसपी बनाया गया है। दो दिन पहले ही आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की तरफ से डीजीपी और एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। नान घोटाले में इन दोनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगे हैं।
बघेल बोले-जरूरी थी कार्रवाईः नान घोटाले की जांच दौरान आरोपियों और मामले से जुड़े दूसरे लोगों के फोन टैप करने के मामले में डीजीपी और एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हुई थी। छत्तीसगढ़ में इस तरह से फोन टैप करने को लेकर एफआईआर का यह पहला मामला है। इसके साथ ही दोनों के खिलाफ साजिश रचने, फर्जी दस्तावेज बनाने समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। भूपेश बघेल सरकार ने शनिवार को कार्रवाई करते हुए कहा कि अधिकारियों का ऐसा काम उनकी सेवा नियमों के खिलाफ है। ऐसे में कार्रवाई जरूरी है।
क्या है नान घोटालाः राज्य में घटिया चावल खरीदने, करोड़ों की रिश्वत देने और ट्रांसपोर्टेशन में करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप लगा था। इस मामले में कुल 27 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इस मामले में कांग्रेस की नई सरकार के मुखिया भूपेश बघेल ने कहा था कि लोगों को यह जानने का हक है कि डायरी में जिन सीएम मैडम और सीएम सर का जिक्र हैं, वो कौन हैं यह जानने का हक जनता को है। बताया जा रहा है कि एक लाल डायरी है जिसमें सभी राज छिपे हैं।