मध्यप्रदेश में शिव का राज जरूर है पर सुनकर सदमा पहुंचेगा कि यहां भगवान ही सुरक्षित नहीं हैं। बुंदेलखंड के प्राचीन मंदिरों से बेशकीमती मूर्तियां जहां चोरी हो रही है, वहीं मंदिरों की जमीन पर भी संगठित गिरोह कब्जे कर रहे हैं। हिंदू संगठन भी कई बार सड़कों पर उतर चुका है। अब तो आभास होने लगा है कि शिव के राज में कोई सुनने वाला नहीं है। इन दिनों एक बार फिर अयोध्या के राम मंदिर को ले कर राजनीति का दौर शुरू हो चुका है। मंदिरों की वकालत करने वाले शायद यह नहीं जानते कि मध्यप्रदेश में मंदिरों की सबसे अधिक दुर्दशा है। यहां सत्ता तो भाजपा की है पर मंदिरों से भगवान की मूर्ति की चोरी बढ़ती जा रही है। यही नहीं मंदिरों की जमीन पर भाजपा के ही लोग कब्जे कर उसे बेचते जा रहे हैं। यह सत्य चुभन वाला जरूर होगा लेकिन हिंदूत्व संगठन के द्वारा आरटीआइ में निकाले गए सरकारी दस्तावेज से इसका खुलासा होता है।
छतरपुर के हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष पवन मिश्रा बताते हैं कि छतरपुर जिले का कोई हिस्सा ऐसा नहीं बचा है जहां मंदिरों से भगवान की मूर्ति की चोरी न हुई हो। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी के अनुसार 2004 से 2008 तक मूर्ति चोरी की 27 घटनाएं पुलिस रोजनामचे में दर्ज हुई। इसमें 23 प्रकरणों में पुलिस ने आरोपियों का पता नहीं लगने से खात्मा लगा दिया। पुलिस का खात्मा लगाना ही सत्यार्थ करता है कि जब भगवान सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या हाल होगा। इन घटनाओं से हिंदू संगठन भी चिंता में है। कई मर्तबा पुलिस अधीक्षक और कलक्टर को ज्ञापन सौंप चुके हैं लेकिन ज्ञापन को लेने वाला आश्वासन का लॉलिपाप पकड़ा भर देते हैं। इन साल भी मूर्ति चोरी की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है। इसी महीने 2-3 दिसंबर को छतरपुर के ऐतिहासिक गांव नौगांव थाना क्षेत्र के सुकुवा में बेशकीमती राम-जानकी, राधा-कृष्ण की चार मूर्तियां चोरी हो गई।
इनकी अनमोल कीमत बताई गई है। इन मूर्तियों का वजन करीब 80 किलो था। पुलिस में मामला तो दर्ज हो गया पर आज तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। जानकारों के मुताबिक छतरपुर ही नहीं बल्कि पूरे बुंदेलखंड के प्राचीन हिंदू और जैन समाज के मंदिरों की बेशकीमती मूर्तियां चोरी हो चुकी है। जिनकी अंतरराट्रीय कीमत करोड़ों रुपए है। अंदेशा लगाया जा सकता है कि कोई संगठित ताकतवर गिरोह ही इन घटनाओं को अंजाम दे रहा होगा। इसके तार पुलिस से जुडेÞ हो इस शंका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हाल ही में हिंदू उत्सव समिति और विश्व हिंदू परिषद ने जिला अधिकारियों को इसी संदर्भ में ज्ञापन सौंपा। अध्यक्ष पवन मिश्रा का कहना है कि चोरी की घटनाओं में कोई पकड़ा नहीं जाता और पुलिस खात्मा लगाने के इंतजार में रहती है।
जानकारों का कहना है कि पूरा बुदेलखंड ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध रहा है। यहां की इसी संपदा को चुराने के लिए हमेशा से ही एक संगठित गिरोह काम करता रहा है। तभी तो धुबेला के संग्रहालय से चोरी हुई मूर्ति न्यूयार्क में मिलती है। खजुराहों की कई मूर्तियां विदेशों में है। इन्हें भारत सरकार वापस भी लाई है। महत्त्वपूर्ण है कि अगर ताकतवारों का गिरोह इन मूर्तियों को नहीं चुराता तो यह विदेशों तक कैसे पंहुचती। इसके मायने निकलते हैं कि पुलिस और अंतरराज्यीय चोर गिरोह का गठजोड़ ही इस इलाके में अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। ऐसे लोग धर्म की संपदा को खोखला कर रहे हैं और मंदिरो को सूना। सरकार शिव की है और भगवान की चोरी हो रही है तो कहा जाएगा कि शिव के राज में ही भगवान सुरक्षित नहीं हैं।