Chandrayaan-2 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख के. सिवन ने रविवार (8 सितंबर) को कहा कि चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ के चंद्रमा की सतह पर होने का पता चला है। ‘हार्ड लैंडिंग’ की वजह से उसे नुकसान पहुंचने के सवाल पर सिवन ने कहा, ‘‘हमें इस बारे में अभी कुछ नहीं पता, ‘विक्रम’ मॉड्यूल से संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी हैं।” बता दें कि इसके ठीक एक दिन पहले ही सिवन ने कहा था कि Chandrayaan-2 मिशन 100 प्रतिशत सफल होने के बहुत करीब है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि हम 14 दिन तक Vikram Lander से संपर्क करने का प्रयास करेंगे। दिलचस्प बात है कि आज ही लैंडर के बारे में एक बड़ी जानकरी मिली है।
ISRO चीफ का बयान: एक टीवी साक्षात्कार में ‘चंद्रयान 2’ मिशन पर भारत के प्रयासों के बारे में बोलते हुए ISRO चीफ के. सिवन ने बताया था कि भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के वैज्ञानिक विक्रम लैंडर से संबंध स्थापित करने के लिए प्रयासरत हैं और इस दिशा में आगे भी वे कार्य करते रहेंगे। इस दौरान उन्होंने बताया कि Vikram Lander की उम्र 1 लूनर डे यानी पृथ्वी पर 14 दिन के बराबर है।
Indian Space Research Organisation (ISRO) Chief, K Sivan: In total, the #Chandrayaan2 mission is very close to 100% success. (Courtesy: DD) pic.twitter.com/CQULoiDcRO
— ANI (@ANI) September 7, 2019
क्या था घटनाक्रम: शनिवार को चंद्रयान 2 को चांद पर भेजने का इसरो का मिशन तयशुदा क्रम के तहत पूरा नहीं हो सका। बाद में लैंडर का संपर्क अंतिम चरण में टूट जाने के चलते उसकी वास्तविक स्थिति का पता लगाना भी मुश्किल हो गया था। सिवान ने बताया, “Chandrayan 2 की इस प्रक्रिया में चार स्तर होते हैं जिनमे 3 चरण सफल रहे लेकिन चौथे चरण में स्थितियां गड़बड़ा गईं और संपर्क टूट गया। जो भी हुआ उससे इसरो के काम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम गगनयान प्रोजेक्ट को लेकर पहले से ही बेहद व्यस्त हैं, जिसे 2020 तक पूरा करना है।”