तेलगु देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे एन लोकेश को नजरबंद किया गया है जबकि विधायकों समेत पार्टी के कई नेताओं को बुधवार को हिरासत में लिया गया ताकि उन्हें गुंटूर जिले में विरोध प्रदर्शन करने से रोका जा सके। यह विरोध प्रदर्शन कुछ ग्रामीणों को गांव से निकालने के विरोध में किया जाना था। पुलिस ने टीडीपी प्रमुख के आवास के मेन गेट को लॉक कर दिया। दरअसल, नजरबंद किए जाने के बावजूद नायडू विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जा रहे थे।
सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के कुछ नेताओं को भी गुंटूर में हिरासत में लिया गया। उक्त नेताओं ने भी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। तेदेपा ने घोषणा की थी कि पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ नायडू अपने आवास पर दिनभर का अनशन करेंगे। तेदेपा के अध्यक्ष गुंटूर जिले के पालनाडु क्षेत्र के रहने वाले लोगों के समूह को अटमाकुरू नाम के गांव में ले जाना चाहते थे।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता नायडू ने कहा, ‘‘ वाईएसआर के लोगों और पुलिस ने जिन ग्रामीणों को गांव से बाहर निकाल दिया था मैंने उन लोगों को वापस वहां ले जाने की योजना बनाई थी। यह कोई आंदोलन नहीं है बल्कि हम तो यह बताना चाहते हैं कि हम राजनीतिक पक्षपात के शिकार लोगों के साथ हैं।’’ वाईएसआर ने आरोप लगाया कि तेदेपा लोगों को पैसे देकर यह सब करवाना चाहती है।
पार्टी ने खुद भी ‘चलो अटमाकुरु’ का आ’’ान किया था लेकिन पुलिस ने दोनों ही पक्षों को इसकी इजाजत नहीं दी और भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अटमाकुरू और पलनाडु क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।