Chaibasa Observation Home: पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा स्थित बाल सुधार गृह में बंद किशोरों ने मंगलवार शाम को एक बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया। सुधार गृह में बंद किशोरों ने वहां तैनात गार्डों पर हमला किया और इसका गेट तोड़ दिया। इसके बाद 21 किशोर सुधार गृह से भाग निकले। इस घटना की एक वीडियो क्लिप भी वायरल हो रही है। यह घटना उस वक्त हुई, जब राज्य भर में आदिवासी त्योहार सरहुल मनाया जा रहा था।
किशोरों के जेल से भागने की घटना को लेकर झारखंड में राजनीतिक बयानबजी भी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस के सूत्रों ने बताया कि भागने वालों ने जेल में तोड़फोड़ की और सीसीटीवी कैमरों को भी नुकसान पहुंचाया। उन्होंने बताया कि भागने वाले 21 किशोरों में से चार का पता लगा लिया गया और वे वापस भी आ गए हैं।
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इस मामले में राज्य के समाज कल्याण विभाग की ओर से भी एक बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया है कि किशोरों के भागने की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई की गई और चार किशोरों का पता लगा लिया गया और उन्हें वापस सुधार गृह में लाया गया। बाकी का पता लगाने और उन्हें वापस लाने की कोशिश की जा रही है। बताना होगा कि चाईबासा जिले का आधिकारिक मुख्यालय है और यहां डीआईजी और कई सीनियर अफसरों के आवास भी हैं।
पश्चिमी सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मामले की जांच चल रही है। घटना के बाद महिला एवं बाल कल्याण विभाग की निदेशक समीरा एस. ने भी सुधार गृह का निरीक्षण किया।
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बाबूलाल मरांडी ने सरकार से पूछा सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बाल सुधार गृहों का मकसद सही रास्ते से भटक जाने वाले किशोरों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है लेकिन इस घटना से पता चलता है कि सरकार सिर्फ औपचारिकता निभा रही है और सुरक्षा व्यवस्था के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है।
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