सोमवार से ही लापता चल रहे कैफे कॉफी डे फाउंडर वीजी सिद्धार्थ का शव बुधवार (31 जुलाई) को बरामद कर लिया गया है। वे करीब 36 घंटों से लापता था। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा के दामाद सिद्धार्थ कंपनी कर्मचारियों के नाम एक चिट्ठी लिखकर रहस्यमयी ढंग से गायब हो गए थे। इसके बाद मंगलुरु की नेत्रावती नदी से उनका शव बरामद किया गया। कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने खुदकुशी कर ली।
ऐसी है सिद्धार्थ की सक्सेस स्टोरीः गौरतलब है कि भारत में कॉफी किंग के नाम से मशहूर वीजी सिद्धार्थ का ब्रैंड सीसीडी पूरी तरह से स्वदेशी है। 1996 में इसकी शुरुआत से पहले एक सिद्धार्थ 1979 में वामपंथी राजनीति से जुड़ना चाहते थे, लेकिन पहले एक फाइनेंशियल फर्म में नौकरी करने के बाद उन्होंने खुद का ब्रैंड शुरू किया। उस वक्त उनके परिवार के पास करीब 10 हजार एकड़ कॉफी की खेती थी। इसकी शुरुआत बैंगलुरु से हुई थी, लेकिन अब देशभर में इसके लगभग डेढ़ हजार आउटलेट्स हैं।
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आखिरी चिट्ठी में क्या था? लंबी खोजबीन के बाद कर्नाटक पुलिस ने बुधवार सुबह 4:30 बजे सिद्धार्थ का शव बरामद किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे पहले आखिरी बार उन्हें सोमवार (29 जुलाई) को नेत्रावती नदी के पास ही देखा गया था। उनकी गुमशुदगी से कुछ घंटों पहले ही उनके पर्सनल स्टाफ ने एक चिट्ठी मिलने की बात कही थी। इस चिट्ठी के मुताबिक उन पर कर्जदारों और इनकम टैक्स अधिकारियों की तरफ से परेशान किए जाने की बात सामने आई थी। उन्होंने खुद पर भरोसा जताने वाले लोगों से माफी भी मांगी। इसके बाद से ही लगातार पुलिस की सर्चिंग जारी थी। इस मामले को स्थानीय सांसद ने केंद्र सरकार के समक्ष भी रखा था।