2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर सीट से सपा नेता आजम खान को चुनौती देने वाली भाजपा नेता जयाप्रदा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यूपी की एक कोर्ट ने चुनाव के दौरान आचार संहिता तोड़ने के लिए उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया है। मामले में अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी। बता दें कि रामपुर सीट से आजम खान ने जयाप्रदा को एक लाख से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी थी।

आजम खान-जयाप्रदा के बीच चुनाव के दौरान हुई थी तीखी नोकझोंकः रामपुर में लोकसभा चुनाव से पहले ही जयाप्रदा और आजम खान के बीच काफी तीखी नोकझोंक हुई थी। आजम खान ने एक रैली के दौरान बॉलीवुड अभिनेत्री रहीं जया पर अभद्र टिप्पणी कर दी थी। इसे लेकर राजनीतिक दलों ने उनके बयान की आलोचना की थी। महिला आयोग ने भी आजम खान के खिलाफ नोटिस जारी किया था। आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा था कि आजम हमेशा महिला राजनेताओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करते हैं।

आजम के खिलाफ चुनाव लड़ने पर बोली थीं जयाप्रदा- मुझ पर एसिड अटैक का खतराः आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा था- जिस हालात में मैं एक महिला के तौर पर आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़ रही थी उस समय मुझ पर एसिड अटैक और जानलेवा हमले का खतरा था। जब कभी भी मैं घर से बाहर जाती थी तो मैं अपनी मां को यह भी नहीं बता सकती थी कि मैं जिंदा लौटूंगी या नहीं। ऐसी स्थिति में भी मेरा साथ देने कोई नहीं आया।

आजम खान ने कभी सीट जीतने में की थी मदद: बॉलीवुड में अभिनेत्री जया प्रदा का राजनीतिक करियर 2004 में तेलगु देशम पार्टी (TDP) के साथ था। पर उन्होंने उसी साल समाजवादी पार्टी (SP) में एंट्री की। इस दौरान उन्होंने रामपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और 85,000 वोट से जीत हासिल की। कहा जाता है कि आजम खान ने ना सिर्फ सपा में जया प्रदा की एंट्री कराई बल्कि चुनाव जीतने में भी मदद की, क्योंकि रामपुर शुरू से आजम खान के गढ़ के तौर पर देखा जाता रहा है। कुछ सालों तक दोनों के बीच रिश्ते सामान्य थे। हालांकि, जयाप्रदा ने जब सपा में ही अमर सिंह कैंप जॉइन किया, तो आजम उनसे नाराज हो गए। कहा जाता है कि बाद में आजम ने जयाप्रदा के साथ अमर सिंह को भी पार्टी से निकलवाने में अहम भूमिका निभाई थी।