जम्मू कश्मीर सरकार के वन मंत्री चौधरी लाल सिंह पर गांव वालों ने 1947 में हुए मुस्लिम विरोधी दंगे का नाम लेकर धमकाने की शिकायत दर्ज करवाई है। जिन लोगों ने यह शिकायत की है उसमें इलाके के हिंदू और मुसलमान दोनों शामिल हैं। उन लोगों का कहना है कि जब वे लाल सिंह के पास अपने बाग से जुड़े काम के लिए गए थे तो लाल सिंह ने उन लोगों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि वे लोग 1947 में इलाके में मारे गए मुसलमान लोगों के बारे में भूल गए हैं।
अपने ऊपर लगे आरोपों पर लाल सिंह का कहना है कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा था बल्कि उनकी बात को गलत समझा जा रहा है। एक्सप्रेस से हुई बातचीत में उन्होंने कहा, ‘उस दिन वे लोग मेरे पास आए थे। वे चाहते थे कि मैं उन्हें जंगल में से पेड़ काटकर उनके ट्रक भरने की इजाजत दे दूं। मैंने मना कर दिया और कहा कि इतने पेड़ कटने की वजह से ही जम्मू का तापमान 47 डिग्री पहुंच गया है। यह बर्दाशत नहीं किया जाएगा।’
इस मामले में नई मुश्किल यह है कि जिन लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई वे अब गायब हो गए हैं। पुलिस ने बताया है कि शिकायत दर्ज करवाने वालों ने शिकायत में सिर्फ अपना नाम लिखा था, पता नहीं। उनमें से कुछ लोगों ने नाम राजपाल शर्मा, निजाम मलिक, युसफ अली हैं। उन लोगों ने अपना पता नहीं लिखवाया था जिस वजह से पुलिस अब उनको बयान दर्ज करने के लिए भी ढूंढ नहीं पा रही।
जंगल की इस बात को जम्मू में फैलने में ज्यादा देर नहीं लगी। इस मुद्दे पर विपक्ष और अलगाववादियों ने सरकार और सहयोगी दल बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है। लाल सिंह ने कहा कि अगर इस मामले ने ज्यादा तूल पकड़ी को वह इस्तीफा दे देंगे।