दिल्ली व जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने वित्त मंत्री और अपने पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली के खिलाफ ‘वित्तीय अनियमितताओं’ के आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि इस तरह के आरोप ‘बिलकुल बकवास’ हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के जेटली को निशाना बनाने और डीडीसीए में ‘वित्तीय अनियमितता’ के आरोप में उनका इस्तीफा मांगने के घंटों बाद डीडीसीए के कार्यवाहक अध्यक्ष चेतन चौहान ने प्रेस कांफ्रेंस करके सभी आरोपों से इनकार किया। जेटली 1999 से 2013 तक डीडीसीए के प्रमुख रहे थे।
चौहान ने कहा कि डीडीसीए के खिलाफ कुछ आरोप लगाए गए हैं और इसमें स्पष्टीकरण की जरू रत है क्योंकि कर कोई अपना नजरिया रख रहा है। पहली चीज स्टेडियम के निर्माण में अनियमितता का आरोप है। स्टेडियम के निमार्ण पर 141 करोड़ रुपए का खर्च आया। उन्होंने कहा कि बढ़ी कीमत का कारण यह था कि पहले क्षमता 26000 दर्शकों की थी लेकिन हमने इसे तोड़ा और इसके बाद नवीनीकरण किया। यह आरओसी में रेकार्ड है। यह ईपीआइएल को दिया गया था इसलिए मैं इन आरोपों को बिलकुल बकवास करार देता हूं।
उन्होंने कहा कि जेटली के खिलाफ आरोप बकवास हैं। मैं नवीनीकरण का काम देखने और इसे आधुनिक स्टेडियम बनाने के लिए जेटली को धन्यवाद देना चाहता हूं। चौहान के अनुसार सीरियस फ्राड इनवेस्टिगेशन आफिस (एसएफआइओ) ने अनियमितताओं की जांच की थी और धोखाधड़ी के एक मामले के अलावा कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि एक अन्य अनियमितता मिली थी और मामला अदालत में है। हमने पांच दिन टैस्ट मैच का आयोजन किया और एक दिन 27000 दर्शक मौजूद थे।
चौहान ने कहा कि टैस्ट मैच के दौरान सभी निविदाओं की सतर्कता से जांच की गई। बंसल के खिलाफ अनियमितता का एक आरोप दिसंबर 2013 में जेटली के पद छोड़ने के बाद का है। इससे पहले कांग्रेस ने दावा किया था कि दिल्ली सरकार द्वारा गठित समिति को जेटली के कार्यकाल के दौरान डीडीसीए में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं मिलीं। जेटली ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया था और कहा था कि जब तक आरोप स्पष्ट नहीं हों वे जवाब नहीं दे सकते। उन्होंने साथ ही भ्रष्टाचार के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए आप पार्टी और उसकी सरकार पर भी निशाना साधा था।

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच इस महीने टैस्ट मैच के आयोजन के लिए अधिकारियों से एनओसी लेने के मामले में चौहान ने कहा कि हमने पांच करोड़ रुपए का संपत्ति कर भरा और एनओसी हासिल किया। मार्च तक हम बकाया एक करोड़ रुपए का भुगतान भी कर देंगे। हम पहले ही 24 लाख 64 हजार रुपए की लीज की राशि का भुगतान कर चुके हैं और हमें एमसीडी से काम पूरा होने का सर्टिफिकेट मिलेगा। चौहान ने कहा कि यह मुद्दा दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।

चौहान ने कहा कि आबकारी, मनोरंजन और विद्युत सिर्फ तीन चीजें हैं जो सरकार के तहत आती हैं और अन्य चीजें उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आती और उन्हें कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो वे 24 करोड़ रुपए के मनोरंजन कर की मांग करते हैं और इसके बाद बीसीसीआइ अध्यक्ष के पास जाकर कहते हैं कि हमें मैच आयोजित करने दीजिए। मुझे दिल्ली सरकार के पीछे के दरवाजे से प्रवेश की मांग खारिज करने के लिए शशांक मनोहर को धन्यवाद देना चाहिए। इस बीच डीडीसीए कोषाध्यक्ष रविंदर मनचंदा ने कहा कि डीडीसीए की गतिविधियां दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
हम सेक्शन 25 कंपनी हैं जो आरओसी (रजिस्ट्रार आफ कंपनीज) को जवाबदेह हैं। धोखाधड़ी के आरोप पर मनचंदा ने कहा कि हम किसी को बचा नहीं रहे। हम सब जेटली के साथ हैं। हम इन लोगों से अपील करते हैं कि हमें विश्व टी20 का शांतिपूर्वक आयोजन करने दीजिए।

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