कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार (25 अप्रैल, 2023) को एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि अगर राज्य कानून तोड़ने वाला बन जाता है, तो अदालतों को नुकसान की भरपाई के लिए संकोच नहीं करना चाहिए। कोर्ट ने यह टिप्पणी विशाल नाम के एक शख्स से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान की। कोर्ट ने उसके परिवार को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश देते हुए कहा कि यह परिवार के जख्मों पर मरहम की तरह होगा। इस मामले में परिवार का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के इशारे पर सिर्फ इसलिए विशाल को गिरफ्तार किया गया क्योंकि वह 2022 के निकाय चुनाव में अपने चचेरे भाई और कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन कर रहा था।
जस्टिस शंपा सरकार की एकल पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। उन्होंने कहा कि विशाल को समन भेजने और गिरफ्तार करने के दौरान प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य कानून तोड़ते हैं तो अदालतों को उन खामियों और कमियों की भरपाई करने से हिचकिचाना नहीं चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हर आरोपी और उसके परिवार को स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का अधिकार है।
कोर्ट ने आगे कहा, “हमें खुद को यह याद दिलाने की जरूरत है कि लोगों के अधिकार लोकतंत्र का गढ़ हैं और उनका उल्लंघन सभ्य समाज पर हमला होगा। ऐसे में पूरे परिवार को जो कलंक, सामाजिक शर्मिंदगी और अपमान सहना पड़ा, उसके लिए कोर्ट परिवार को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश देती है।” कोर्ट ने कहा इस तरह का मुआवजा परिवार के जख्म पर मरहम की तरह होगा।
विशाल की मां सुनीता शुक्ला ने इस मामले में याचिका दाखिल करके बेटे की रिहाई की मां की थी। याचिका में दावा किया गया कि उनके बेटे को तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेताओं के इशारे पर गिरफ्तार किया गया। सुनीता शुक्ला ने दावा किया कि 9 मार्च, 2022 को टीटागढ़ पुलिस ने उनके बेटे को उठाया लिया और उस पर नशीले पदार्थों से जुड़े एक मामले को लेकर आरोप लगाए गए।
वहीं, दूसरी तरफ पुलिस ने तर्क दिया कि फरवरी 2022 में ही विशाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ रमेश शॉ नाम के एक व्यक्ति को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने कहा कि 9 मार्च को फिर से शिकायत मिली की विशाल ने शिकातकर्ता को धमकी दी है। इसके बाद, पुलिस उससे मिलने और पूछताछ के लिए उसके घर गई, लेकिन उसने बिल्कुल सहयोग नहीं किया, जिसके बाद उसे सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आगे कहा कि विशाल को 9 मार्च को ही छोड़ दिया गया था, लेकिन 10 मार्च की सुबह एक गुप्त सूचना के आधार पर उसे एक अलग मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का दावा है कि गिरफ्तारी के वक्त विशाल के पास कोडीन मिक्सचर था।