ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज करने हेतु एक शिकायती सेल बनाए जाने की सरकारी घोषणा का कनफेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वागत किया है। कैट का कहना है की संभवत: कुछ हद तक ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी पर रोक लगेगी। लेकिन कैट ने 10 अगस्त को दाखिल अपनी शिकायत पर इन कंपनियों की ओर से एफडीआइ नीति के उल्लंघन की जांच करवाने पर जोर दिया है।
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राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारामन के इस कदम की सराहना तो की है लेकिन साथ ही उनके उस बयान पर असहमति भी जताई है। जिसमें उन्होंने कहा है कि एनफोर्समेंट विभाग की ओर से इन कंपनियों की जांच की जरूरत नहीं है। कैट ने 10 अगस्त को वाणिज्य मंत्रालय में एक ई-कॉमर्स पोर्टर्लों के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करते हुए उन पर एफडीआइ पॉलिसी के उल्लंघन करने का आरोप लगाया और कहा की ये कंपनियां बड़े विज्ञापन देकर सीधे तौर पर सरकार की एफडीआइ नीति का उल्लंघन कर रही हैं।

दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि कैट की शिकायत बेहद स्पष्ट और गंभीर थी। जिसमें नीति के प्रावधानों का जिक्र किया गया था जिसका उल्लंघन ये कंपनियां कर रही हैं। उन्होंने कहा की बेशक एनफोर्समेंट विभाग जांच न करे लेकिन सरकार को किसी और एजंसी से शिकायत की जांच करवानी आवश्यक है। जिससे ये स्पष्ट हो की शिकायत गलत है अथवा वास्तव में ई- कॉमर्स कंपनियां पॉलिसी का उल्लंघन कर रही हैं और यदि ऐसा है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।