समाज और गरीबों के लिए कल्याण की बात तो सभी करते हैं, लेकिन अपनी पूरी संपत्ति दान कर फकीरी चुनना सबके बस की बात नहीं है। मुरादाबाद के बिजनेसमैन डॉ अरविंद गोयल ने 50 साल में कमाई हुई अपनी 600 करोड़ रुपए की संपत्ति उत्तर प्रदेश सरकार को दान करने का फैसला किया है, ताकि उससे गरीबों के लिए निशुल्क शिक्षा और इलाज की अच्छी व्यवस्था की जा सके। अरविंद के इस ऐलान ने सभी को चौंका दिया है।

ऐसा उदाहरण दूर-दूर तक कोई नहीं दिखाई देता है, जिसने 50 सालों में मेहनत से अपना बिजनेस इस बुलंदी पर पहुंचाया कि दुनियाभर में उसकी चर्चा हो और पलभर में इस साम्राज्य को दान करने का फैसला कर लिया।

अपने पास रखा सिर्फ एक बंगला

अरविंद ने पूरी संपत्ति दान करके अपने पास सिर्फ एक बंगला रखा है, जो मुरादाबाद के सिविल लाइंस में मौजूद है। इसी बंगले में वो रहेंगे। इस फैसले में उनके साथ उनकी पत्नी, दोनों बेटे और बेटी की भी रजामंदी है।

25 साल पहले ही कर लिया था तय

अपनी इतने सालों की कमाई ऐसे दान कर देना कोई छोटी बात नहीं है। हर किसी के मन में ये सवाल होगा कि आखिर उन्होंने यह कदम क्यों उठाया है। अरविंद गोयल बताते हैं कि 25 साल पहले ही एक घटना के बाद उन्होंने यह फैसला कर लिया था कि एक दिन वो अपनी पूरी संपत्ति गरीबों के लिए दान कर देंगे। उन्होंने एक पुराना किस्सा याद करते हुए बताया कि दिसंबर का महीना था और वो ट्रेन से सफर कर रहे थे। तभी उनकी नजर एक शख्स पर पड़ी जो ठंड में ठिठुर रहा था, ना उसके पास कंबल था और ना ही पैरों में चप्पल। उसकी ये हालत देखकर अरविंद ने उसको अपनी चप्पल दे दी। इस घटना के बाद अरविंद ने सोचा कि देश में पता नहीं कितने लोग इसी तरह बिना चप्पल के रहते होंगे। तभी उन्होंने इस बात का फैसला कर लिया था कि वो गरीबों के लिए काम करेंगे।

अरविंद के परिवार में कौन-कौन

अरविंद के परिवार में पत्नी रेणु गोयल, बड़ा बेटा मधुर गोयल, छोटा बेटा शुभम प्रकाश गोयल और एक बेटी है। बड़ा बेटा मुंबई में रहता हैं और छोटा बेटा मुरादाबाद में ही उनके साथ बिजनेस में मदद करता है। अरविंद गोयल के पिता प्रमोद कुमार गोयल और माता शुकंतला देवी स्वतंत्रता सेनानी रह चुके हैं। इनके अलावा, उनके बहनोई मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके हैं और दामाद सेना में कर्नल और ससुर जज रह चुके हैं।

चार राष्ट्रपतियों से किए जा चुके हैं सम्मानित

अरविंद गोयल के वर्तमान में कई स्कूल, वर्द्धाश्रम, अनाथाश्रम और मुफ्त स्वास्थ्य केंद्र हैं। उनके स्कूलों में गरीबों को निशुल्क शिक्षा भी दी जाती है। इसके अलावा, कोरोना काल में उन्होंने 50 गांव भी गोद लिए थे और लोगों को मुफ्त खाना और दवाईयां भी मुहैया करवाई थीं। समाज के लिए किए गए इन कार्यों के लिए गोयल को कई बार राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी सम्मानित किया है।

5 सदस्यों की कमेटी करेगी संपत्ति की निगरानी

डॉ. गोयल की संपत्ति को सही कीमत पर बेचने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी। इस कमेटी में तीन सदस्य गोयल नामित करेंगे, जबकि 2 सदस्यों को सरकार नामित करेगी। उनकी संपत्ति को बेचकर मिले पैसों से अनाथ और बेसहारा लोगों के लिए मुफ्त शिक्षा और इलाज की व्यवस्था की जाएगी।