हिमाचल-उत्तराखंड की सीमा पर उत्तराखंड की एक निजी बस गहरी खाई में गिरने से इसमें सवार 45 व्यक्तियों की मौत हो गई। चौपाल के नेरवा के समीप हुए हादसे में मरने वालों में दस महिलाएं, तीन बच्चे और 31 पुरुष हैं। बस कापरिचालक और एक यात्री की इस हादसे में जान बची है। बताया जा रहा है कि ये दोनों बस नदी में गिरने से पहले ही बस से बाहर गिर गए और बच गए। हादसा नेरवा के गुम्मा के पास सुबह करीब 11 बजे के आसपास हुआ। यह बस (यूके-16 पीए-0045) उत्तराखंड के विकासनगर से त्यूणी बरास्ता नेरवा जा रही थी और शिमला जिले के रोनहाट- चौपाल मार्ग पर गुम्मा के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गई। चालक से अनियंत्रित हुई बस ढांक से करीब 500 मीटर नीचे टौंस नदी में जा गिरी। इससे 45 व्यक्तियों की मौत हो गई। सिरमौर पुलिस शिमला पुलिस से पहले बाकी पेज 8 पर हादसास्थल पर पहुंच गई थी और वह राहत कार्यों में जुट गई थीं। दुर्घटना क्षेत्र शिमला पुलिस के तहत आता है जिस कारण शिमला और नेरवा से पुलिस वहां भेजी गई। हादसे की सूचना मिलते ही देहरादून से एनडीआरएफ के दल ने भी राहत व बचाव कार्यों का मोर्चा संभाला। यह बस हादसा नेरवा से 25 किलोमीटर और हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला मुख्यालय से करीब 140 किलोमीटर दूर घटित हुआ।
पुलिस ने हादसे में मारे गए सभी यात्रियों के शव बरामद कर लिए हैं। अभी तक जो पहचान हो पाई है, उनमें मृतकों में दस महिलाएं, तीन बच्चे और 31 पुरुष हैं। गुम्मा में हजारों लोग राहत कार्यों के लिए वहां पहुंंच गए थे। धीरे- धीरे वहां दूसरी राहत टीमें पहुंचनी शुरू हो गई थीं। बताया गया है कि बस का पट्टा टूटने से यह हादसा हुआ जिससे चालक बस से नियंत्रण खो बैठा और बस गहरी नदी में चली गई। बस के परिचालक तुलसीराम और बोहर गांव का रहने वाला रविंद चौहान का ही जीवन बच पाया। प्रत्यक्षदर्शियों ने दो-तीन शवों को भी बहते देखा। परिचालक तुलसीराम इतना ही बता पाया कि उसने बस का पट्टा टूटने की आवाज सुनी। पर लोगों को समझाने का मौका नहीं मिला क्योंकि बस तेजी से नदी में समा गर्इं।
जिला प्रशासन ने हादसे की जांच का आदेश दे दिया है। प्रारंभिक तफ्तीश में चालक की लापरवाही इस दुर्घटना का कारण मानी जा रही है। हादसे के शिकार हुए यात्री नेरवा, चौपाल और उत्तराखंड के रहने वाले हैं। शिमला पुलिस अधीक्षक डीडब्यू नेगी ने बताया कि नेरवा में हुए बस हादसे में 44 लोगों की मौत हो गई है। दुर्घटनाग्रस्त हुई बस के परखचे उड़ गए हैं। घटनास्थल पर जगह-जगह क्षतिविक्षत शव बिखरे पड़े हैं, जिससे शवों को पहचानने में कठिनाई आ रही है।