UP News: नेशनल हाईवे-91 पर कार सवार परिवार को बंधक बनाकर मां-बेटी से सामूहिक दुष्कर्म और लूटपाट के पांचों दोषियों को कोर्ट ने उमक्रैद की सजा सुनाई है। करीब 9 साल बाद आए इस फैसले में स्पेशल जज (पॉक्सों एक्ट) ओपी वर्मा ने तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि ऐसे राक्षसों को सभ्य समाज से दूर रखना होगा। सभी दरिंदे आखिरी सांस तक जेल में रहेंगे।
इतना ही नहीं कोर्ट ने इन सभी आरोपियों पर 1.81 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसमें से आधी राशि पीड़ित परिवार को दी जाएगी। शनिवार को कोर्ट ने बावरिया गिरोह के जुबैर उर्फ सुनील उर्फ परवेज, साजिद, धर्मवीर उर्फ राका उर्फ जितेंद्र, नरेश उर्फ संदीप उर्फ राहुल और सुनील उर्फ सागर को दोषी ठहराया था। इस मामले की जांच हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने की थी। सीबीआई ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन उनमें से एक आरोपी सलीम की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।
आखिर पूरा मामला क्या था?
अब पूरे मामले को विस्तार से समझें तो यह पूरी वारदात साल 2016 की है। गाजियाबाद के एक परिवार के छह सदस्य शाहजहांपुर के लिए रवाना हुए थे। बुलंदशहर में एक फ्लाईओवर के पास बदमाशों ने उनकी कार रोक ली। 14 साल की किशोरी, उसकी मां, पिता, ताई, ताऊ और तहेरे भाई को बंधन बना लिया। बदमाशों ने पुरुषों के हाथ-पैर बांधकर दूसरी तरफ खेत में छोड़ दिया। फिर मां-बेटी से सामूहिक दुष्कर्म किया।
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पीड़िता ने बयां किया अपना दर्द
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, बुलंदशहर की अदालत में पांच दरिंदों को सजा सुनाए जाने के बाद पीड़िता ने अपनी खामोशी तोड़ी। उस बेटी ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, ‘वह रात कभी खत्म क्यों नहीं होती। नौ साल बीत गए, लेकिन जब भी आंखें मूंदती हूं, वही चीखें, वही अंधेरा और वही राक्षसी चेहरे सामने आ जाते हैं।’ पीड़िता कहती है कि वह इंसान नहीं थे, राक्षस थे। उन्होंने बताया कि वह चाहती हैं कि दोषियों को ऐसी सजा मिले, जिससे किसी और बेटी को उस रात की तरह खौफ ना झेलना पड़े।
स्पेशल जज ने अपने फैसले में क्या कहा?
स्पेशल जज ओपी वर्मा ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे कृत्य करने वाले राक्षसों के साथ नरमी बरतना न्याय के साथ खिलवाड़ होगा। पीड़िता का भविष्य उज्ज्वल हो सकता था, लेकिन इस घटना ने उसे और उसके परिवार को कभी ना खत्म होने वाली पीड़ा के दलदल में धकेल दिया। इस मानसिक अवसाद से गुजर पाना अकल्पनीय है।
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