जम्मू-कश्मीर के बीजेपी नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने पार्टी के पक्ष में रिपोर्ट लिखने के लिए लेह में मीडियाकर्मियों को नोटों से भरे लिफाफे दिए। एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने शुरुआती तौर पर घूस दिए जाने के आरोपों में सच्चाई पाई है। लेह की डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर और डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे। अवनी ने कहा, ‘मंगलवार को हमने पुलिस के जरिए जिला अदालत में संपर्क किया। हम इस मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के लिए निर्देश देने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, अदालत ने इस मामले में अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया है।’ उन्होंने बताया कि भले ही बीजेपी नेताओं के खिलाफ मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन की शिकायतें हैं, लेकिन ये आरोप दण्डनीय अपराध के दायरे में आते हैं।
संयोग की बात यह है कि जम्मू-कश्मीर कैडर की 2013 बैच की आईएएस लवासा इलेक्शन कमिश्नर अशोक लवासा की बेटी हैं। अशोक खुद भी आईएएस अफसर रह चुके हैं। बता दें कि लद्दाख सीट पर पांचवें चरण के मतदान के तहत सोमवार को वोटिंग हुई। लवासा ने बताया कि मीडियावालों को घूस देने के आरोप शुरुआती तौर पर सच पाए गए। लवासा के मुताबिक, पुलिस से कहा गया है कि या तो वे एफआईआर दर्ज करें या फिर शिकायत। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज करके इस मामले को मंगलवार को अदालत के सामने रखा। लवाससा ने कहा, ‘हम इस मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग कर रहे हैं। अभी तक तीन शिकायतें हैं। एक हमारी तरफ से, बाकी दो शिकायतें लेह प्रेस क्लब की ओर से मुझे और एसएचओ लेह के पास दर्ज कराई गई हैं।’
बता दें कि लेह प्रेस क्लब ने डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर और एसएचओ के पास दर्ज कराई अलग-अलग शिकायतों में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रवींदर रैना, एमएलसी विक्रम रंधावा समेत कई सीनियर बीजेपी नेताओं पर मीडिया वालों को घूस देने का आरोप लगाया था। घटना 2 मई की है। आरोप है कि बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए यह घूस दी गई। रैना ने आरोपों को खारिज किया है। उनके मुताबिक, बीजेपी नेताओं ने जो लिफाफे दिए, वे बीजेपी की जनसभा में पत्रकारों को आमंत्रित करने के लिए इन्विटेशन कार्ड था। दो दिन बाद होने वाले इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पहुंचने वाली थीं। रैना के मुताबिक, प्रभावशाली लोगों को मीटिंग में बुलाने के लिए करीब 2000 कार्ड छपवाए गए थे। इनमें से कुछ मीडियावालों को भी दिए गए।
रैना का कहना है कि उन्होंने किसी भी मीडियावाले को खुद से ये लिफाफे नहीं दिए। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने उन मीडिया वालों के खिलाफ मानहानि के मुकदमे की धमकी दी, जिन्होंने शिकायत में रैना का नाम लिखवाया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके वीडियोज में, कुछ बीजेपी नेता चार से पांच मीडियावालों को लिफाफे देते हुए नजर आते हैं। इनमें दो महिला पत्रकार भी शामिल थीं। वीडियो में दिखता है कि एक महिला पत्रकार इस लिफाफे को खोलती है, इसे देखने के बाद वह तुरंत बीजेपी नेता के पास जाकर इसे वापस कर देती है। जब बीजेपी नेता इसे वापस लेने से इनकार कर देते हैं तो वह इसे टेबल पर ही छोड़ देती हैं।
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