राजस्थान में भाजपा सरकार के मंत्रियों के समूह की जयपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने ही जमकर खिंचाई कर दी। जयपुर के विधायकों व मंत्रियों पर उनके ही इलाकों के कार्यकर्ताओं बिफर पड़ें। कार्यकर्ताओं ने विधायकों पर उन्हें तवज्जो नहीं देने के आरोप लगाने के साथ ही चेतावनी दी कि नहीं सुधरें तो फिर अब हार तय है। यही हालात प्रदेश भाजपा को अन्य शहरों में भी देखने को मिले हैं। कार्यकर्ताओं में पनपी गहरी नाराजगी की शिकायतें केंद्रीय नेतृत्व के लिए चिंता का कारण बनती जा रही है।
प्रदेश भाजपा की तरफ से बुधवार और गुरुवार को दो दिन का जयपुर में जिले भर के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा किया गया। इसमें कार्यकर्ताओं का ऐसा गुस्सा फूटा कि सरकार और संगठन का नेतृत्व सकते में आ गया। पार्टी ने दावा किया था कि इसमें शहर और देहात के करीब 10 हजार कार्यकर्ता अपनी बात कहने आएंगे। सरकार से खफा चल रहे बडी संख्या में कार्यकर्ता तो इसमें पहुंचे ही नहीं और सिर्फ तीन हजार ही कार्यकर्ता इसमें शामिल हो पाए। इन बैठकों में जो कार्यकर्ता पहुंचे,उन्होंने ऐसी खरी-खरी सुनाई कि 10 घंटे तक चलने वाला कार्यक्रम तीन घंटे में ही खत्म करना पड़ा।
कार्यकर्ताओं के गुस्से को ही भांप कर मंत्री समूह के दिग्गज मंत्री इसमें शामिल नहीं हुए। इस दौरान जयपुर शहर के वो विधायक जो सरकार में कैबिनेट मंत्री है बैठक में शामिल हुए, पर उन्हें ही उनके इलाकों के कार्यकर्ताओं ने घेर लिया। बैठक के दौरान कई विधायकों के खिलाफ नारेबाजी से माहौल गरमा गया। जयपुर जिले में 19 विधानसभा क्षेत्र हैं और इनमें कई दिग्गज नेता विधायक हैं। इनमें से तीन अरुण चतुर्वेदी, कालीचरण सर्राफ और राजपाल सिंह शेखावत तो राजे सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी भी जयपुर से ही विधायक है। कार्यकर्ताओं का गुस्सा इस कदर था कि चाकसू क्षेत्र के विधायक लक्ष्मीनारायण बैरवा को तो मंच से बोलने ही नहीं दिया गया। इनसे नाराज चाकसू के कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि अगर अब वो इलाके में आए तो नाराज जनता उनसे मारपीट तक कर सकती है।
इसी तरह के आरोप सिविल लाइन के विधायक और कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी पर उनके इलाके के कार्यकर्ताओं ने लगाए। चतुर्वेदी पर कार्यकर्ताओं से सही बर्ताव नहीं करने और विकास के कामों में कोई रुचि नहीं लेने के आरोप लगाए गए। उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सर्राफ और नगरीय विकास मंत्री राजपाल सिंह शेखावत को भी कार्यकर्ताओं की नाराजगी झेलनी पड़ी। कार्यकर्ताओं का कहना था कि उनके दम पर विधायक और मंत्री बनने वाले अब सत्ता में बैठ कर उन्हें भूल गए हैं। ऐसे नेताओं को चुनाव में सबक सिखाया जाएगा। कार्यकर्ताओं की इस बैठक में जयपुर के सांसद रामचरण बोहरा और सांगानेर के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाडी के समर्थकों में तनातनी का माहौल भी रहा। तिवाडी इस आयोजन से दूर रहे। सांसद बोहरा के समर्थकों ने तिवाडी के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई। तिवाडी को प्रदेश भाजपा ने अलग थलग कर रखा है और बोहरा को मुख्यमंत्री का करीबी होने के कारण संगठन ने तवज्जो दे रखी है।

